फोटोग्राफी के फील्ड में बढ़ी हैं चुनौतियां: डॉ. धनंजय चौपड़ा
- अंतर्राष्ट्रीय फोटो प्रदर्शनी 'बोले दुनियां बारह गुणे अठारह' के तहत आयोजित विषय पर कार्यशाला में कही
GORAKHPUR: यह समय है विजुअल एक्सप्लोजन का है, पूरी दुनिया फोटोग्राफी की होड़ में शामिल हो चुकी है। ऐसे में अब फोटो जर्नलिज्म करने वालों के लिए अब यह फील्ड चुनौतियों भरा हो गया है। फोटोग्राफी लगातार नए टेक्नालाजी को लेकर नए आयाम ग्रहण कर रही है, ऐसे में शब्दों और चित्रों की नातेदारी को मजबूती देना जरूरी हो गया है। यह बातें शनिवार को इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज कोर्स के को आर्डिनेटर व वरिष्ठ पत्रकार डॉ। धनंजय चोपड़ा ने कही। वह अमृता कला वीथिका में लेंसमेन संस्था व ललित कला व संगीत विभाग के संयुक्त रूप से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फोटो प्रदर्शनी 'बोले दुनिया बारह गुणे अठारह' के तहत शब्दचित्र विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था।उन्होंने कहा कि मोबाइल कैमरों को चलाने वाले प्रोफेशनल फोटोग्राफरों के सामने चुनौतियां बढ़ दी है। स्लाइड शो के माध्यम से शब्द और चित्रों के बीच रिश्तों का बखूबी खाका खींचा जा रहा है। कार्यशाला को मुख्य रूप से डॉ। हर्ष सिन्हा, डॉ। उषा सिंह, डॉ। सत्येंद्र सिंह से ने संबोधित किया। कार्यक्रम में शुभम वर्मा, अनुपम मुखर्जी, शिवानी पांडेय, ज्योति सिंह, राजेश श्रीवास्तव ने संगीतमय प्रस्तुति दी। इस अवसर पर मुख्य रूप से सुशील कुमार राय, वेदप्रकाश पाठक, भारत भूषण, संदीप श्रीवास्तव, अमित सिंह पटेल, शिवहर्ष द्विवेदी, संजय शर्मा, आनंद चौधरी, अमीरूद्दीन अहमद गुड्डू सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।