आज इंटरनेशनल वुमेंस डे है. इसलिए आज महिला सशक्तीकरण पर बात हो जाए. क्या खूब पंक्ति लिखी गई हैं 'यह तेरी मेहनत और लगन का परिणाम है आज सबकी नजरों में तेरे लिए सम्मान है. आधी आबादी टेक्नोलॉजी के सहारे आगे बढ़ रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो) इस डिजिटल युग में एक नया आइडिया आपको सक्सेज की ऊंचाइयों तक ले जा सकता है। टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके बहुत से लोग आज अपना नाम बना रहे हैं। इस मामले में गोरखपुर की नारी शक्ति भी पीछे नहीं हैं। वह भी अपने नए और इनोवेटिव आइडिया को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर शुरू कर रही हैं.एमएमएमयूटी में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। रोहित तिवारी ने बताया, आज के डिजिटल युग में कोई भी व्यक्ति अपना स्टार्टअप शुरू कर सकता है। उसे जरूरत है तो बस एक नए आइडिया की। आपके पास अगर नया और इनोवेटिव आइडिया है तो आपको इंवेस्टर्स प्रोग्राम के तहत फंडिग भी मिल सकती है। एक स्टार्टअप के लिए सबसे पहले आपके पास एक अच्छी वेबसाइट या एप हो ना चाहिए। आइडिया ऐसा हो जो लोगों को अट्रैक्ट करे और उनके यूज का हो। 'बारिश' से मिली पहचान


गोरखपुर के कौड़ीराम की रहने वाली वैशाली सिंह ने 2018 में 'बारिश' नाम से अपने एक स्टार्टअप की शुरुआत की। इसमें वह हर तरह के लोगों के लिए कस्टमाइज्ड ड्रेस बनाती हैं। जो डिजाइन ड्रेस काफी महंगी मिलती हैं। उसे ये सस्ती दरों में प्रोवाइड कर रही हैं। वैशाली ने बताया कि शुरुआत में इसकी डिमांड काफी कम रहती थी, मगर जब उन्होंने इसे इंस्टाग्राम के माध्यम से प्रमोट करना शुरू कर दिया तो गोरखपुर के साथ ही और भी शहरों से ऑर्डर आने लगे। आज 'बारिश' पर प्रयागराज, वाराणसी, दिल्ली से भी लोग कस्टमाइज्ड ड्रेस ऑर्डर कर रहे हैं। अपने साथ वे और भी महिलाओं को साथ लेकर चल रही हैं। उन्होंने बताया कि गांव में डिजाइनर ड्रेस डिजाइन होंगी तो इससे यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा। नौकरी छोड़ आर्ट एंड क्राफ्ट में बनाया करियर तारामंडल की रहने वाली शिनिला द्विवेदी का स्टार्टअप 'क्राफ्ट एंड क्रियू' अब धीरे-धीरे अपनी पहचान बना रहा है। इसमें वह हैंड बैग, जूट बैग, पेंटिंग, क्राफ्ट को खुद बनाकर सेल करती हैं। शिनिला ने बताया कि वह बीटेक करने के बाद जॉब करती थीं। शादी के बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और आर्ट एंड क्राफ्ट में अपना करियर बनाने का सोचा। उनको इसका पहले से ही शौक था। 2018 में उन्होंने क्राफ्ट एंड क्रियू की शुरुआत की। शॉप के साथ-साथ वह अपने प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन भी सेल करती हैं। उन्होंने बताया कि हैंडमेड प्रोडक्ट्स की इस समय काफी डिमांड है। इंस्टाग्राम के माध्यम से बहुत सारे लोग ऑर्डर करते हैं। डिजिटऑल से बढ़ेगी नारीशक्ति

इस साल इंटरनेशनल वुमेंस डे की थीम है 'डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी'। इस थीम का मकसद है जेंडर इक्वालिटी को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी सेल्फ डिपेंडेंट बनाना। फीमेल पॉपुलेशन एक बड़ा मार्केटआजकल ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं। वे घर बैठे अपनी जरुरत का हर सामान ऑर्डर कर देती हैं। बिजनेस में इंटरेस्ट रखने वाली महिलाओं के लिए यह एक बड़ा मार्केट है। वह महिलाओं की जरूरत से जुड़े प्रोडक्ट्स को ऑनलाइन सेल करके अपना एक ब्रांड बना सकती हैं।

Posted By: Inextlive