कोरोना संक्रमण की फोर्थ लहर को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई है. कोरोना संक्रमण को लेकर हेल्थ डिपार्टमेंट अलर्ट है. हालांकि थर्ड वेव के कमजोर पड़ते ही संक्रमण की दर आधा फीसदी से कम रह गई है. संक्रमण के कमजोर पड़ते ही वैक्सीनेशन के प्रति भी गोरखपुराइट्स का इंट्रेस्ट कम होने लगा है. नतीजा है कि वैक्सीनेशन का ग्राफ ऊपर-नीचे हो रहा है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। वैक्सीनेशन के कारण बनी इम्युनिटी ने ओमिक्रॉन को बेअसर कर दिया। यही वजह रही कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने जो आशंका जाहिर की थी। वैसा कुछ भी नहीं हुआ। न तो बच्चों के लिए यह खतरा बनी और न ही बड़े पैमाने पर लोगों को संक्रमित किया। इसका मुख्य कारण कोविड वैक्सीनेशन रहा। समय, संक्रमण, पेशेंट्स की भर्ती और मौत के मामले में यह पहली व दूसरी लहर से काफी छोटी व कमजोर साबित हुई। पहली लहर लगभग एक साल रही, दूसरी लहर लगभग चार माह और तीसरी लहर ने मात्र एक माह में ही प्रसार समेट लिया।241 केस एक्टिव
जिले में 25 दिसंबर से तीसरी लहर शुरू हुई। अब तक 80 फीसदी से अधिक आबादी वैक्सीनेशन के सुरक्षा घेरे में है। इस वजह से यह लहर बहुत प्रभावी नहीं हो पाई। पहली लहर में 21,509 लोग संक्रमित हुए और 344 की मौत हुई। दूसरी लहर में 37,931 लोग संक्रमित हुए और 482 की मौत हुई। वहीं तीसरी लहर में 7,244 से अधिक लोग संक्रमित हुए है। वर्तमान में 241 एक्टिव केस हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोविड संक्रमण के साथ वैक्सीनेशन की भी रफ्तार कम होती जा रहा है। एक नजर में संक्रमण और वैक्सीनेशन


डेट ------ पॉजिटिव मिले ---- वैक्सीनेशन 6 मार्च ----- 00 ---------- 22925 मार्च ----- 03 ---------- 10,0794 मार्च ----- 02 ---------- 11,7243 मार्च ----- 02 ---------- -----2 मार्च ----- 03 ---------- 11,1001 मार्च ----- 09 ---------- 678728 फरवरी --- 10 ---------- 15,136वर्जन सतर्कता और बचाव के चलते कोरोना की तीसरी लहर को रोक लिया गया। इस समय संक्रमितों की संख्या काफी कम हुई है। जिन तक संक्रमण पहुंचा वे वैक्सीनेशन करा चुके थे। इसलिए गंभीर नहीं हुए। इस समय सामान्य स्थिति है। 15 से 17 वर्ष के किशोर वैक्सीनेशन करा रहे हैं। छूटे हुए लोगों का भी वैक्सीनेशन कराया जा रहा है। डॉ। आशुतोष कुमार दुबे, सीएमओ गोरखपुर

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