स्वदेशी संसाधनों ने जीत रहे हैं कोविड से जंग - भार्गव
- आरएमआरसी गोरखपुर में 'इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल' ऑर्गनाइज
- ऑफ लाइन और ऑनलाइन दोनों मोड में जुटे पार्टिसिपेंट्सGORAKHPUR: आरएमआरसी गोरखपुर में 'इंडियन इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल' ऑर्गनाइज किया गया। प्रोग्राम की शुरुआत डायरेक्टर डॉ। रजनीकांत ने चीफ गेस्ट एम्स डायरेक्टर डॉ। सुरेखा किशोर को बुके देकर किया। डॉ। अशोक पांडेय ने सभी गेस्ट का वेलकम किया। स्पेशल गेस्ट के तौर पर स्वास्थ्य मंत्रालय के शोध विभाग के सचिव व आईसीएमआर के महानिदेशक प्रो। बलराम भार्गव ने अपनी बातें रखीं। उन्होंने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान, जय अनुसंधान' की महत्ता को समझाया। कहा कि आईसीएमआर ने स्वदेशी संसाधनों से निपा वायरस, सीसीएचएफ वायरस व कोविड-19 वायरस जैसी आपदा चुनौती को सफलता पूर्वक संभाला है। इससे देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भारत की सराहना हो रही है व आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को बल मिल रहा है। डॉ। भार्गव ने स्वास्थ्य शोध में देश की आत्मनिर्भरता और महत्व को बताते हुए साइंस, रिसर्च और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।
साइंस ने की कोरोना से लड़ने में मददचीफ गेस्ट व मुख्य वक्ता प्रोफेसर सुरेखा किशोर ने भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के बारे में बताया कि यह भारत की विश्व बिरादरी में साइंस के क्षेत्र में बढ़ती धमक का एहसास कराता है। उन्होंने समझाया कि कैसे साइंस के विभिन्न आयामों ने कोविड-19 महामारी से लड़ने में मदद की। उन्होंने ऑनलाइन ओपीडी, रिपोर्टिग, डिजिटल डायग्नोस्टिक के बारे में विस्तृत चर्चा की। आरएमआरसी के डायरेक्टर डॉ। रजनीकांत ने कोविड-19 वायरस आपदा से लड़ने के लिए आईसीएमआर द्वारा उठाये गए कदमों कि विस्तृत चर्चा की। संचालन व धन्यवाद ज्ञापन सीनियर साइंटिस्ट व नोडल कम्युनिकेशन ऑफिसर डॉ। अशोक पांडेय ने किया। इस कार्यक्रम में संसथान के सभी अधिकारी, कर्मचारी, गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं व ऑनलाइन माध्यम से लोगों ने हिस्सा लिया।