गोरखपुर: यहां से ट्रेन गुजरने पर लगता है डर! हर महीने मिलती हैं तमाम लाशें
गोरखपुर: जिले से होकर गुजरने वाली रेलवे लाइनें खून से रंगती जा रही हैं। कुछ खास जगहों पर अक्सर किसी न किसी की डेड बॉडी मिल रही है। हर माह कम से कम छह लोगों की डेडबॉडी का पोस्टमार्टम कराया जाता है। इनमें कुछ ऐसी भी होती हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाती। पहचान के अभाव में उनकी मौत का रहस्य खुल नहीं पाता। मर्डर और सुसाइड के बीच उलझी पुलिस कुछ दिनों की जांच पड़ताल के बाद फाइलें बंद कर कार्रवाई पूरी कर लेती है। पुलिस किसी पुराने मामले से पूरी तरह से निजात पाती, इसके पहले कोई न कोई नया केस सामने आ जाता है। गुरुवार सुबह कैंपियरगंज एरिया के रामचौरा के पास गोरखपुर नौतनवां रेलवे ट्रैक पर दो टुकड़ों में कटी डेड बॉडी मिली। मरने वाले की पहचान कराने को लेकर लोकल दिनभर हैरान परेशान रही।
हर माह आधा दर्जन से अधिक मामलेगोरखपुर जंक्शन से देवरिया, पनिहवा, नौतनवां और लखनऊ रूट की रेल गाडि़या आवागमन करती हैं। चौरीचौरा, कैंपियरगंज, सहजनवा और पिपराइच थाना क्षेत्रों के बार्डर से जिले की सीमा समाप्त हो जाती है। लेकिन जिले की सीमा के अंदर अक्सर रेलवे लाइनों पर डेडबॉडी मिलती हैं। हर माह कम से कम छह लोगों का पोस्टमार्टम कराया जाता है। आउटर सिग्नल के भीतर मिलने वाली डेड बॉडी के मामले में जीआरपी जांच करती हैं, जबकि अन्य मामले संबंधित थाना क्षेत्रों के जिम्मे होते हैं।
जांच पर जांच, नतीजा शून्य रेलवे ट्रैक पर मिलने वाले ज्यादातर लोगों की पहचान नहीं हो पाती। जांच में पुलिस इस बात की अनुमान लगाती है कि ट्रेन से गिरकर यात्री की मौत होगी। या फिर कहीं दूर दराज से आकर किसी ने सुसाइड कर लिया है। कई मामलों में जांच पड़ताल चलती रहती है लेकिन उसका कोई नतीजा सामने नहीं आ पाता, जिससे मौतों के राज दफन रह जाते हैं। यहां बरामद होती हैं ज्यादातर डेडबॉडी खोराबार एरिया का कुसम्ही जंगलकैंट एरिया में नंदा नगर रेलवे के पासपिपराइच एरिया में ढाला के पास, जंगल के पासचिलुआताल एरिया में जगतबेला, महसेरा पुल, चिऊटहांसहजनवा रेलवे गेट के पास, सीहापार हाल्टतिवारीपुर एरिया में डोमिनगढ़, घुनघुनकोठाकैंपियरगंज एरिया में रामचौरा और कैंपियरगंज के बीचपीपीगंज एरिया में जंगल कौडि़या पीपीगंज के बीच खाली जगहचौरीचौरा एरिया में करमहा रेलवे और बरही के बीच डेड बॉडी मिलती है हाल में रेलवे ट्रैक पर मिली डेडबॉडी29 मार्च 2018: कैंपियरगंज के रामचौरा के पास रेलवे ट्रैक पर दो टुकड़ों में डेडबॉडी मिली, पहचान नहीं हो सकी।
26 मार्च 2018: चिलुआताल एरिया के जगतबेला में रेलवे ट्रैक के पास क्षत-विक्षत डेडबॉडी मिली।15 मार्च 2018: तिवारीपुर एरिया के घुनघुनकोठा और जगतबेला के बीच एक युवक और युवती की कटी डेडबॉडी मिली।03 मार्च 2018: चिलुआताल एरिया के चिऊटहा के पास रेलवे ट्रैक पर युवक की डेडबॉडी मिली। सुसाइड की आशंका जताई गई।09 फरवरी 2018: कुसम्ही जंगल के बीच रेलवे ट्रैक पर युवती की डेडबॉडी मिली। पहचान नहीं हो सकी है।06 फरवरी 2018: चिलुआताल एरिया के नकहा रेलवे स्टेशन के गेट नंबर दो के पास डेडबॉडी मिली। दो टुकड़ों में कटी थी।21 जनवरी 2018: नकला रेलवे पुल के पास एक अधेड़ ने सुसाइड कर लिया। बाद में उसकी पहचान शुरू हुई।23 अक्टूबर 2017: कौआबाग रेलवे गेट के पास ट्रेन की पटरी पर युवक का शव मिला।05 जुलाई 2017: तिवारीपुर एरिया के घुनघुनकोठा के पास युवक की डेड बॉडी मिली। वर्जनजो लोग भी सुसाइड का मन बनाते हैं उनके दिमाग में चलता रहता है कि कहां पर सुसाइड करें। ऐसे लोगों को इन जगहों के बारे में जानकारी पहले से होती हैं। इसलिए लोग ऐसे प्वाइंट कोच चुनते हैं। ऐसी जगहों पर किसी की नजर भी नहीं पड़ती है। सुनसान जगह होने से ऐसी जगहों पर बचने या बचाने की गुजांइश नहीं के बराबर होती हैं। पुलिस की जांच में भी यह सामने आया है कि किलर्स भी ऐसी जगहों को चुनते हैं। ताकि उनको आसानी से पकड़ा न जा सके। सुसाइड और मर्डर में गुत्थी उलझकर रह जाती है।
डॉ। धनंजय कुमार, साइकोलाजिस्ट