पुलिस फोर्स की कमी ने बिगाड़ दिए हालात
- मुख्यमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था में गई थी कैम्पियरगंज थाने की फोर्स
- पुलिस के न होने से बढ़ा उपद्रवियों का हौसला GORAKHPUR: पुलिस फोर्स की कमी के चलते बुधवार को कैम्पियरगंज में छोटी सी बात बड़े बवाल में बदल गई। पहले जाम फिर नारेबाजी इसके बाद पत्थरबाजी पर भी पुलिसिया कार्रवाई न होने से उपद्रवियों का हौसला इतना बढ़ गया कि वे आगजनी और तोड़फोड़ पर उतारू हो गए। मुख्यमंत्री के जाने के बाद भारी संख्या में जब पुलिस बल कैम्पियरगंज पहुंचा तब जाकर जाकर उपद्रवी वहां से फरार हुए। सीएम सुरक्षा में थी पुलिसमंगलवार को दिन भर चुनाव ड्यूटी में लगी फोर्स बुधवार को मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चली गई थी। थाने पर मुंशी और गिने चुने सिपाही ही थे। पीपीगंज में चुनाव के दौरान हुई मारपीट के ही एक मामले में एसओ कैम्पियरगंज की डयूटी पीपीगंज में लगा दी थी। फोर्स की कमी का ही फायदा उठाते हुए उपद्रवियों ने जमकर बवाल काटा।
जुटे तीन गांव के लोगसंजय की मौत के बाद उसके गांव सरपतहां और उसकी ससुराल वनभागलपुर के लोग जुटे थे। चुनाव के दौरान बसंतपुर गांव के दो पक्षों में मारपीट हुई थी। इसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों के पांच लोगों को हिरासत में लिया था। दो गांवों की भारी भीड़ को जुटा देखकर बसंतपुर के लोग भी बवाल में शामिल हो गए।
तीन घंटे रहा जाम, दुकानें बंद कैम्पियरगंज चौराहे पर जाम के चलते फरेंदा मार्ग, करमैनी मार्ग, निचलौल और गोरखपुर मार्ग पर गाडि़यों की कतार लग गई। करीब तीन घंटे तक राहगीर जाम में फंसे रहे। किसी भी वाहन के न जा पाने के चलते बच्चे, बीमार और बुजुर्ग काफी परेशान रहे। उधर, बवाल के चलते चौराहे के आसपास के सभी दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दी। आगजनी और तोड़फोड़ के दौरान बाजार में पूरी तरह से सन्नाटा पसर गया। चाचा के लड़के पर लगा आरोप संजय की मौत के मामले में परिवार वालों ने पट्टीदारी के ही दिलीप पुत्र वीरेंद्र पर हत्या का आरोप लगाया। पता चला कि दोनों परिवार वालों के बीच में तीन चार साल पहले तक विवाद था लेकिन इस बीच उनमें समझौता हो गया था। संजय के पिता और ससुर का आरोप था कि दिलीप ही संजय को बुलाकर ले गया था और उसी ने हत्या कराई है। आत्महत्या मान रही थी पुलिसलोहरपुरवा स्टेशन के पास भगवानपुर गांव के सामने संजय की लाश रेलवे ट्रैक पर मिली थी। शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत था जबकि, वहीं खड़ी संजय की बाइक लॉक थी। पुलिस प्राथमिक पड़ताल में इसे आत्महत्या मान रही थी। सोमवार की रात लाश मिलने के बाद मंगलवार को पुलिस चुनाव में व्यस्त हो गई थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हत्या का मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया था लेकिन परिवार और गांव के लोगों ने बुधवार की सुबह से ही बवाल खड़ा कर दिया। हालांकि बुधवार को दिलीप के खिलाफ पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है।