गोरखपुर पुलिस ने मार्च माह में आईजीआरएस की रैंक में सुधार किया है. वहीं पब्लिक अप्रुवल रेटिंग पीएआर फरवरी के मुकाबले नीचे गिर गई है. एडीजी कार्यालय द्वारा मार्च माह की जो रेटिंग जारी की गई है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।फरवरी के मुकाबले मार्च माह में पब्लिक अप्रुवल रेटिंग में 2.53 परसेंट की कमी आई है। साथ ही फरवरी माह के मुकाबले मार्च में 189 वोट कम मिले हैं। जबकि आईजीआरएस में मार्च माह में 77.6 परसेंट लोगों ने संतुष्टि जाहिर की है। जो पुलिस के लिए राहत भरी खबर है। पब्लिक से लिया जाता है फीडबैकहर माह पब्लिक अप्रुवल रेटिंग (पीएआर) सिस्टम के जरिए गोरखपुर जोन के 11 जिले की पुलिस की कार्यप्रणाली परखी जाती है। पुलिस पांच पिलर्स आईजीआरएस, डायरेक्ट पोल, एफआईआर, पीआरवी रिसपांस और पासपोर्ट-कैरेक्टर सर्टिफिकेट पर कैसा काम कर रही है। यह पब्लिक वोट देकर बताती है। पब्लिक से मिले वोट/फीडबैक के आधार पर रेटिंग दी जाती है। आईजीआरएस में लगाई पुलिस ने छलांग


आईजीआरएस निस्तारण को लेकर सरकार भी गंभीर है। मार्च माह में आईजीआरएस में गोरखपुर पुलिस ने लंबी छलांग लगाई है। चार माह की रेटिंग की बात करें तो मार्च माह में कई गुना वृद्धि हुई है। दिसंबर में 26.0, जनवरी 24.2, फरवरी 34.6 और मार्च माह में रेटिंग बढ़कर 77.6 पहुंच गई। ये रेटिंग दर्शाती है कि गोरखपुर पुलिस ने आईजीआरएस पर आई कंप्लेन का गंभीरता से निस्तारण किया है। इसलिए पब्लिक ने भी दिल खोलकर वोट के माध्यम से पुलिस की पीठ थपथपाई है।

थानों में हो रहा एफआईआरमार्च माह की रेटिंग ये बता रही है कि गोरखपुर के थानों में आने वाले फरियादियों की बातों को गंभीरता से सुनकर पुलिस कार्रवाई कर रही है। दिंसबर में 72.4, जनवरी 74.6, फरवरी 77.1 और मार्च में बढ़कर 78.3 परसेंट रैकिंग हो गई। आईजीआरएस और एफआईआर के फीडबैक से अधिकारी भी गदगद हैं। भरोसेमंद पीआरवी की रैंक घटीइसी तरह भरोसेमंद पीआरवी की रैंक अच्छी है लेकिन फरवरी के मुकाबले घट गई है। पीआरवी के रिस्पांस खुश रहने वाली जनता इस मद में हमेशा पुलिस के पक्ष में वोटिंग करती है। दिसंबर माह में 80.8, जनवरी 79.8, फरवरी 80.6 और मार्च में घटकर रैंकिंग 76.8 परसेंट पहुंच गई। डायरेक्ट पोल में घटे वोट

डायरेक्ट पोल में पहले पुलिस को खुलकर वोट मिलते थे। मार्च माह में इसमे भी कमी नजर आ रही है। दिसंबर में 92.5, जनवरी 97.4, फरवरी 92.5 और मार्च में घटकर रैंकिंग 82.0 पहुंच गई। वहीं डायरेक्ट पोल के जरिए फरवरी माह में 416 वोट मिले थे। मार्च माह में केवल 89 वोट मिले हैं। इसी तरह पासपोर्ट और कैरेक्टर सर्टिफिकेट के लिए पुलिस को मार्च माह में 783 फीडबैक मिले हैं। इसमे 582 लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली को उत्तम बताया है। जबकि 102 लोगों ने कार्यप्रणाली को खराब कहा है।पब्लिक अप्रुवल (रेटिंग परसेंट में)दिसंबर जनवरी फरवरी मार्च70.13 62.33 66.48 63.95 पब्लिक अप्रुवल रेटिंग सिस्टम से पुलिस की कार्यप्रणाली में काफी सुधार आया है। आईजीआरएस में पुलिस ने मार्च माह में अच्छा काम किया है। पीएआर रेटिंग भी अच्छी है, इसमे थोड़ा और सुधार की जरूरत है।- अखिल कुमार, एडीजी

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