खुलेआम बिक रहा है मार्केट में 'जुगाड़'
- दुकानों पर एलपीजी फिलिंग मशीन बेचने की नहीं है परमिशन
- बिना किसी कंपनी के नाम के बिक रही हैं मशीनें - 1050 से लेकर 3200 रुपए में मिल जाती हैं अनअथराइज्ड फिलिंग मशीन द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : जुगाड़ के भरोसे एलपीजी की कालाबाजारी का खेल खूब खेला जा रहा है। एलपीजी व्हीकल्स में फिलिंग सेंटर की बजाय एक प्रतिबंधित मशीन का यूज होता है। ये मशीन मार्केट?में खुलेआम बिकती है, लेकिन प्रशासन को नजर नहीं आती। ये सनसनीखेज खुलासा हुआ है आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में। वेंस्डे को हमने सिटी की कई दुकानों पर इस जुगाड़ मशीन के बारे में पूछताछ की तो चौंकाने वाली बातें सामने आई। सिलेंडर्स से गैस निकाल कर व्हीकल्स की गैस किट में गैस भरने वाली इस मशीन की बिक्री पर रोक है, फिर भी सिटी में कई दुकानदार बड़े आराम से इसे अपनी दुकान पर सजा कर बेचते हैं।प्रतिबंधित है मशीन का इस्तेमाल
व्हीकल्स में एलपीजी भरने के लिए जिस मशीन का यूज किया जाता है, उसका यूज पूरी तरह प्रतिबंधित है। आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में दुकानों पर जो मशीनें मिलीं, वे भी ब्रांडेड न होकर, लोकली बनाई गई हैं। इन मशीनों पर इन्हें बनाने वाली कंपनी का नाम तक मौजूद नहीं होता। सिटी की कई ऑटो पार्ट्स शॉप्स और गैस चूल्हे की दुकानों पर ये मशीनें धड़ल्ले से बिक रही हैं। फर्जी तरीके से मशीन बेच कर टैक्स चोरी और दूसरी गैरकानूनी काम के लिए यह मशीन बेची जा रही है।
क्या हैं गाइडलाइंस इसेंशियल कमोडिटीज एक्ट, 1955 के तहत एलपीजी (रेग्युलेशन ऑफ सप्लाई एंड डिस्ट्रीब्यूशन) ऑर्डर, 2000 में दिए गए ऑर्डर में एलपीजी के अनअथराइज्ड पजेशन, सप्लाई और यूज पर बैन लगाया गया है। साथ ही एलपीजी के अनअथराइज्ड स्टोरेज और ट्रांसपोर्ट पर भी बैन है। बड़े सिलेंडर्स से गैस निकालकर छोटे सिलेंडर्स या गैस किट में भरने पर भी प्रतिंबध है। उसके बाद भी ये सारे खेल खुलेआम होते हैं। मशीन मिलेगी, बिल नहीं रिपोर्टर- एलपीजी भरने की मशीन मिल जाएगी? शॉपकीपर- हां, मिल जाएगी। रिपोर्टर- कितने की है? शॉपकीपर- आपको कौन सी चाहिए? रिपोर्टर- गाड़ी में गैस भरनी है, कोई भी मशीन दे दो। शॉपकीपर- नहीं, अलग-अलग मशीन होती है। मैनुअल और इलेक्ट्रानिक। रिपोर्टर- मैनुअल और इलेक्ट्रानिक का क्या रेट है? शॉपकीपर- मैनुअल मशीन 1050 रुपए में मिल जाएगी, इलेक्ट्रानिक मशीन 3200 रुपए तक मिलेगी। रिपोर्टर- दोनों में क्या अंतर है?शॉपकीपर- मैनुअल में हाथ से गैस भरनी पड़ती है जबकि इलेक्ट्रानिक मशीन बिजली से चलती है और उसमें मीटर लगा है।
रिपोर्टर- मैनुअल मशीन दे दीजिए, इसकी कोई गारंटी है की नहीं? शॉपकीपर- नहीं, मशीन की कोई गारंटी नहीं है। आप चेक करके ले जाइए। रिपोर्टर- यहां सिलेंडर तो है नहीं फिर चेक कैसे करेंगे? शॉपकीपर- सभी ऑटो वाले और गाड़ी वाले ले जाते है। जल्द खराब नहीं होती है। रिपोर्टर- मशीन का बिल बना कर देंगे? शॉप कीपर- नहीं, इस मशीन का कोई बिल नहीं मिलेगा। फोटो खींचते ही हो गए गायब आई नेक्स्ट टीम ने कई दुकानों पर जाकर मशीन के बारे में पूछताछ की। बातचीत के दौरान कई बार फोटो क्लिक होने पर दुकानदार मशीन लेकर गायब हो गया। पहले दुकानदारों ने काउंटर और दुकान के बाहर तक मशीन सजा कर रखी थी, लेकिन टीम के पहुंचने के बाद कई दुकानदार शटर गिराकर चंपत हो गए।