कुसम्ही जंगल में रेड के दौरान मुठभेड़, कई घायल
- छह राउंड गोली चली, अवैध लकड़ी बरामद
- तस्करों के हमले वन दारोगा सहित चार घायल, एक गंभीर GORAKHPUR: तिनकोनिया रेंज के कुसम्ही जंगल में लकड़ी तस्करों और वनकर्मचारियों के बीच जबर्दस्त मुठभेड़ हुई। सोमवार रात करीब दो बजे हुई घटना में चार कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। तस्करों से जान बचाने के लिए वन कर्मचारियों को छह राउंड गोलियां चलानी पड़ीं। गंभीर हाल में एक कर्मचारी को मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। वन विभाग के अफसरों ने घटना की सूचना खोराबार पुलिस को दी है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके पुलिस कार्रवाई में जुटी है। लकड़ी काटने की भनक पर पहुंचे वनकर्मचारीसोमवार की रात कुसम्ही जंगल के अलग-अलग बीट में वन कर्मचारी गश्त पर निकले। रात में करीब डेढ़ बजे रामगढ़ बीट में देवाचर मंदिर के पास लकड़ी काटने की भनक लगी। डिप्टी रेंजर राजेश पांडेय टीम के साथ पहुंचे। वन कर्मचारियों के पहुंचने पर तस्करों ने विरोध शुरू कर दिया। वन कर्मचारियों ने हवाई फायरिंग की तो लकड़ी तस्कर भाग निकले। मौके पर सात फुट लंबे सागौन के पांच बोटे बरामद हुए। लकड़ी कब्जे में लेकर टीम वन चौकी लौट गई। करीब आधे घंटे के बाद रजही बीट में गश्त पर निकले वन दारोगा अजीत सिंह ने डिप्टी रेंजर को सूचना दी। बताया कि तुर्रा नाला के पास वन टांगिया बस्ती से सटे कुछ लोग पेड़ काट रहे हैं।
रजही बीट में अलग गुट काट रहा था पेड़वन सुरक्षा अधिकारी शैलेंद्र चतुर्वेदी की गाड़ी लेकर वन कर्मचारियों ने दबिश दी। वन दारोगा अजीत प्रताप सिंह अपने साथ फॉरेस्ट गार्ड महेंद्र सिंह और जितेंद्र प्रसाद और ड्राइवर संतोष को लेकर मौके पर पहुंचे। तभी एक युवक साइकिल से लकड़ी लेकर जंगल से बाहर निकलते नजर आया। पीछा करने पर वह साइकिल छोड़कर भाग गया। वन कर्मचारियों की टीम वन टांगिया बस्ती के पास पहुंची। रास्ते में सो रहा वॉचर मुन्ना मिला। उसने किसी तरह की जानकारी से इनकार किया। थोड़ी दूरी पर एक युवक मोबाइल से बात करते हुए मिल गया। वन कर्मचारियों ने उसको गाड़ी में बैठाया। तभी झाडि़यों में छिपे 10-12 लोगों ने हमला बोल दिया। जान बचाने के लिए वन कर्मचारियों को गोली दागनी पड़ी। आरा-फेटा, कुल्हाड़ी से लैस लोगों के हमले में ड्राइवर संतोष का दाया हाथ फैक्चर हो गया। गाल पर चोट लगने से खून बह निकला। फॉरेस्ट गार्ड महेंद्र सिंह को पीठ में चोट लगी। कान से खून बहने पर उनको जिला अस्पताल ले जाया गया। हालत गंभीर बताकर डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
चार को पहचाना, बाकी थे अंजान वनकर्मचारियों पर हमला करने वाले चार लोगों को वन कर्मचारियों ने पहचाना है। वन दारोगा अजीत सिंह ने बताया कि तुफानी, राजेश, गोपी और मोती रजही बीट के वनटांगिया के रहने वाले हैं। अन्य अज्ञात लोगों के बारे में वन कर्मचारी सूचना जुटा रहे है। खोराबार पुलिस ने कहा कि तहरीर के अनुसार मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। सात बोटा सागौन की लकड़ी बरामद सूबा बाजार बीट से सोमवार की रात सात बोटा साखू की लकड़ी बरामद हुई। जंगल सिकरी के पास महेंद्र यादव की आरामशीन है। इसके पीछे लकड़ी लेकर जाने की सूचना फॉरेस्ट गार्ड एजाज अहमद को मिली। वन कर्मचारी पहुंचे तो साइकिल सवार लकड़ी छोड़कर भाग निकले। जांच में पता चला कि जंगल सिकरी निवासी लवकुश, संतोष, मंझा, शिवम, सच्चिदानंद उर्फ भेंडा, अरविंद लाल जंगल से लकड़ी काटकर ले जा रहे थे। उनके खिलाफ चोरी, चोरी के माल के साथ पकड़े जाने और वन अधिनियम की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया।