तो इन्हें कहां से मिल रहे पटाखे
- पटाखों की होलसेल मार्केट पर प्रशासन के ताले के बाद भी फुटकर दुकानों को मिल रहा शहर से स्टॉक
- पुलिस कार्रवाई की वजह से महंगी हो गई होलसेल मार्केट, उधारी में भी बढ़ गया है ब्याजGORAKHPUR: बीते एक सप्ताह से ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद पटाखों के होलसेल मार्केट में सन्नाटा पसरा है, लेकिन फुटकर दुकानें जमकर सज रही हैं। अब जब शहर के अधिकांश होलसेलरों का माल पुलिस ने जब्त कर दिया है तो इन फुटकर व्यापारियों को मनचाहा स्टॉक कहां से मिल रहा है ये हैरान करने वाली बात है। बता दें, प्रशासन की ओर से जारी अस्थाई लाइसेंस पर इस समय सिटी की 13 जगहों पर पटाखों की 650 से अधिक फुटकर दुकानें लगकर तैयार हो चुकी हैं। वहीं, कार्रवाई के चलते होलसेल मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन फुटकर दुकानों को माल बराबर सप्लाई हो रहा है। आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की तो कार्रवाई के बावजूद होलसेल मार्केट में ताबड़तोड़ चल रहे इस कारोबार की हकीकत सामने आ गई।
बैक डोर हो रही सप्लाईसूत्रों के मुताबिक पुलिस की कार्रवाई के डर से होलसेल मार्केट में जो सन्नाटा पसरा है, वो महज दिखावा है। असलियत में अंदर ही अंदर पटाखों की जबरदस्त सप्लाई अभी भी जारी है। फुटकर दुकानें लगाने के लिए कुछ व्यापारियों ने तो सिटी के बाहर से पटाखे मंगवाए हैं, लेकिन अधिकांश दुकानें यहां के लोकल पटाखों से ही लगी हैं।
उधारी पर चलता है धंधा कुछ पटाखा व्यापारियों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि अस्थाई लाइसेंस लेकर लगाई जाने वाली पटाखों की अधिकांश दुकानें उधारी पर लगती हैं। इसमें तीन दिन कॉम्प्टीशन भरे मार्केट में दुकान लगाने के लिए पर्याप्त माल की जरुरत पड़ती है। ऐसे में एक दुकान के लिए तीन से पांच लाख रुपए का माल लगाना पड़ता है। व्यापारियों ने बताया कि फुटकर व्यापारी अस्थाई दुकान लगाने के लिए इतनी बड़ी रकम नहीं लगा सकता इसलिए उन्हें होलसेलरों से उधारी का सहारा लेना पड़ता है। मुंह मांगा मिलता ब्याजदुकानदारों के मुताबिक अस्थाई पटाखों की दुकान लगाने के लिए होलसेलरों से ब्याज पर उधार माल लेना पड़ता है। अगर दो लाख का माल उधार लेना है तो दीपावली के बाद उसके 2.5 लाख रुपए देने पड़ेंगे। ऐसे में फुटकर व्यापारियों को मजबूरन परिचित होलसेलरों से चोरी-छिपे माल खरीदना पड़ता है। व्यापारियों ने बताया कि उधार का माल लेने पर होलसेल रेट भी काफी महंगा पड़ता है। इस बार कार्रवाई की वजह से उधार माल लेने के लिए ब्याज भी अधिक देना पड़ रहा है।
होलसेलरों ने लगाई फुटकर दुकानें इतना ही नहीं सिटी के लगभग सभी बड़े पटाखा व्यापारियों के मेन गोदामों पर पुलिस की कार्रवाई हो जाने से होलसेलरों ने विभिन्न जगहों पर फुटकर दुकानें लगावना शुरू कर दिया है। ताकि पुलिस की कार्रवाई में जितने का माल पकड़ा गया, उसे फुटकर से बराबर किया जा सके। प्रिंट से आधा हुआ होलसेल रेट इसके अलावा पुलिस प्रशासन के अब तक करोड़ों रुपए का माल जब्त किए जाने के बाद होलसेल मार्केट में जबरदस्त उछाल आई है। व्यापारियों के मुताबिक इससे पहले प्रिंट और होलसेल रेट में करीब 70 प्रतिशत से अधिक का अंतर होता था। लेकिन इस बार होलसेल रेट प्रिंट से फ्लैट 50 प्रतिशत पर चल रहा है। व्यापारियों ने बताया कि इस वजह से कैश माल खरीदने वाले तमाम व्यापारियों को सिटी के बाहर से माल मंगाना पड़ रहा है।