अवैध कॉलोनियां नगर निगम को दे रही दर्द
- नगर निगम की नजर में सिटी में हैं लगभग 150 अवैध कॉलोनियां
- इन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं देने में निगम के सामने संकटGORAKHPUR : नगर निगम सीमा के अंदर बसी लगभग 150 कॉलोनियां जीएमसी का सिरदर्द बनी हुई हैं। ये कॉलोनियां नगर निगम क्षेत्र में तो हैं, लेकिन पंजीकृत नहीं। फिर भी जीएमसी को इन कॉलोनियों का रखरखाव रखना पड़ता है। नगर आयुक्त राजेश कुमार त्यागी का कहना है कि अक्सर इन कॉलोनियों में रोड, नाली और सफाई के लिए पब्लिक आंदोलन करती रहती है। नगर निगम को इन कॉलोनियों का डेवलपमेंट कराने में खर्च करना पड़ता है। नगर निगम को पिछले एक साल में अजय नगर भट्टा, रसूलपुर, रानीबाग, साकेत नगर, जेल बाईपास के पास बसे नए कॉलोनियाें में रोड बनाने में तीन गुना पैसा खर्च करना पड़ा है। इन कॉलोनियों में एक और प्रॉब्लम होती है कि रोड और नाली बनती है, लेकिन बारिश के मौसम में सड़कें भी टूट जाती हैं।
गड्ढे में बसी हैं कॉलोनियांनगर निगम के नजर में अवैध रूप से बसी इन कॉलोनियों में अधिकांश गड्ढे में बनी हैं। बारिश के मौसम में इन कॉलोनियों में पहले से किसी भी तरह की मूलभूत सुविधा न होने के कारण नगर निगम को नए सिरे से तैयारियां करनी पड़ जाती हैं।
अवैध रूप से बस रही कॉलोनियों के कारण नगर निगम को हर साल नया सिरदर्द मिलता है। बारिश के समय जल जमाव की ढेरों कंप्लेंट्स के बीच यहां से पानी निकालना मुश्किल हो जाता है। पूरे साल इन कॉलोनियों में सड़क और नाली निर्माण का कार्य जीएमसी को कराना पड़ता है। राजेश कुमार त्यागी, नगर आयुक्त