बिहार जाने की होड़, पैसेंजर्स के लिए डग्गामार लगा रहे जोर
-रेलवे स्टेशन पर अवैध तरीके से भर रहे सवारी
-रेलवे स्टेशन से अवैध तरीके से बसों का हो रहा संचालन -रोडवेज प्रशासन ने सभी रोडवेज अधिकारियों को लिखा पत्र, अवैध बसों पर करें कार्रवाईGORAKHPUR: बिहार में चुनाव के मद्देनजर धड़ल्ले से अवैध बसों का संचालन शुरू हो गया है। इन बसों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। बाहर से आने वाले पैसेंजर्स को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बसों के संचालक तरह-तरह का प्रलोभन देकर उन्हें जबरन अपनी बसों में बैठा रहे हैं। यह नजारे रेलवे स्टेशन रोड और यूनिवर्सिटी रेल म्यूजियम के पास रोजाना देखने को मिल रहे हैं। प्राइवेट बसें अवैध तरीके से संचालित की जा रही है, लेकिन जिम्मेदार मौन हैं। अवैध बसों के संचालन पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन निगम ने स्टेशन के एआरएम को पत्र लिखकर कार्रवाई का आदेश दिया है, इसके बाद भी अनदेखी की जा रही है।
अनुबंध नहीं किया गया हैगोरखपुर से गोपालगंज, मोतिहारी, सीवान तक प्रतिदिन दर्जनों बसों का संचालन अवैध तरीके से हो रहा है। ये बसे इस रूट पर चलाई जा रहीं जो न सरकारी हैं न ही अनुबंधित ही हैं। ये बसें सिर्फ रोडवेज और पुलिस की कृपा पर चल रही हैं। सूत्रों की मानें तो इन बसों का कहीं अनुबंध नहीं किया गया है। एक तय रकम ये लोग निगम और पुलिस को देते हैं और धड़ल्ले से बस चलवाते हैं। यह तब जब यहां पर क्षेत्रीय प्रबंधक का कार्यालय हैं। ये बसें बिना रोकटोक के सवारियों को भर रही हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई तो दूर की बात हैं। इनका चालान तक नहीं किया जाता है।
रेलवे स्टेशन रोड निजी बसों का संचालन रेलवे स्टेशन रोड से बिहार के लिए निजी बसों का बेरोकटोक संचालन हो रहा है। रोडवेज बसों के रंग या मिलते-जुलते रंगों में निजी बसों का संचालन अवैध तरीके से हो रहा है। ऐसी बसें प्रतिदिन दर्जनों भर से अधिक पैसेंजर्स को ढो रही हैं। हैरानी की बात यह है कि ये बसें प्रतिदिन गोरखपुर से बिहार तक जाती हैं। इसके बाद भी रोडवेज व परिवहन विभाग कार्रवाई से बचता है। इन बसों के संचालन से रोडवेज को प्रतिदिन हजारों रुपए का राजस्व की भी हानि हो रही है। ये बसें सबसे ज्यादा गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया, सीवान आदि के लिए संचालित हो रही हैं। नहीं हो रही कार्रवाईरेलवे स्टेशन रोड, यूनिवर्सिटी के पास से निजी बसें सवारी भरकर ले जाने की कई बार रोडवेज प्रशासन से कंप्लेन की गई। लेकिन इसके बावजूद भी निजी बसों के अभी तक संचालन को आरटीओ, रोडवेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने बंद नहीं किया है।
अवैध बसों के संचालन पर अंकुश विभिन्न रूटों पर अवैध तरीके से संचालित होने वाली बसों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन आयुक्त धीरज साहू ने 15 दिवसीय अभियान शुरू करने के लिए सभी आरएम को पत्र लिखा है। इसके लिए आरटीओ विभाग के सहयोग से रोडवेज अधिकारियों का रोस्टर वाइज ड्यूटी लगाई गई है। अभियान के तहत अवैध तरीके से चल रही बस संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। केके तिवारी, एआरएम गोरखपुर डिपो