गोरखपुर रेंज के आईजी बने अमिताभ यश
- प्रदीप यादव को दोबारा मिली एसएसपी की कुर्सी
- दिलीप कुमार का वाराणसी तबादला, आईजी बन गए हैं एडीजी GORAKHPUR: गोरखपुर में नये आईजी जोन के रूप में जहां अमिताभ यश की तैनाती देर शाम हुई। वहीं बतौर एसएसपी प्रदीप कुमार को दोबारा गोरखपुर में तैनात किया गया। आईजी जोन संजीव माथुर के एडीजी बनने के बाद तबादले की संभावना बढ़ गई थी। दिसंबर मंथ में गोरखपुर के एसएसपी बने दिलीप कुमार के तबादले को लेकर तरह- तरह की चर्चाएं हो रही है। ददुआ और निर्भय को निपटा चुके हैं अमिताभ यशबिहार के भोजपुर जिला निवासी अमिताभ यश क्99म् बैच के आईपीएस अफसर हैं। ईमानदार छवि के लिए मशहूर अमिताभ यश ने कई दशकों से आतंक का पर्याय बने ददुआ ठोकिया और निर्भय गुर्जर को ढेर कर किया है। पटना के सेंट मिशेल स्कूल से हाईस्कूल पास करने के बाद दिल्ली चले गए। दिल्ली के डीपीएस आरके पुरम से इंटर पास किया। दिल्ली के ही सेंट स्टीफेन कॉलेज से बीएससी और कानपुर आईआईटी से एमएससी किया। अपने डिपार्टमेंट टॉपर रहे अमिताभ ने सिविल सर्विसेज की तैयारी की। बिहार में पिता के आईपीएस अफसर होने की प्रेरणा से पुलिस सेवा में आ गए। बदमाशों पर लगाम कसने, क्राइम कंट्रोल करने के लिए अमिताभ योजना बनाकर काम करते हैं। अपराध रोकने लिए आपरेशन चलाने, इनवेस्टिगेशन करने और रिकार्ड मेटेंन रखने में भरोसा रखते हैं। महराजगंज, संतकबीर नगर, जालौन, सीतापुर, बुलंद शहर, हरदोई, बाराबंकी, कानपुर सहित कई जगहों पर तैनात रह चुके अमिताभ सीधे से जनता से जुड़ने में भरोसा करते हैं। तीन बार गारंटी मेडल, पुलिस मेडल और मुख्यमंत्री के उत्कृष्ट सेवा मेडल सम्मानित अमिताभ यश को छह लाख रुपए का नकद इनाम भी मिल चुका है।
प्रदीप यादव को दोबारा मिली एसएसपी की कमान गोरखपुर के एसएसपी फिर बदले गए। ट्यूज्डे को जारी आदेश में प्रदीप यादव को दोबारा तैनाती गई। इसके पहले वह ख्म् जुलाई क्फ् से लेकर आठ फरवरी ख्0क्ब् तक गोरखपुर के एसएसपी रह चुके हैं। जिले में रहकर क्राइम की बारीकियों से वाकिफ प्रदीप कुमार यादव को दोबारा तैनाती में बहुत कुछ नहीं जानने और सीखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वर्तमान एसएसपी दिलीप कुमार यहां पर एक माह तीन दिन का कार्यकाल भी पूरा कर सके।