एक्सप्रेस वे पर 120 किमी नेशनल हाइवे पर 100 किमी और राज्य मार्ग पर 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक चले या ट्रैफिक के नियमों का पालन नहीं किया तो मोबाइल पर चालान का मैसेज पहुंचते देर नहीं लगेगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इन मार्गों पर बढ़ रही दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए शासन से गोरखपुर और कुशीनगर आरटीओ को एक-एक इंटरसेप्टर मिल चुकी है। परिवहन अधिकारी इंटरसेप्टर के माध्यम से तेज गति और मानकों की अनदेखी करने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हाईटेक संसाधनों से है लैस
इंटरसेप्टर हाईटेक संसाधनों से लैस है। जिसमें कंप्यूटराइज्ड स्पीड रडार और सीसी कैमरे सहित जांच में सहयोग करने वाले अन्य उपकरण लगे है। मार्ग पर हाईस्पीड से वाहनों के गुजरते ही पकड़ लेंगे और इंटरसेप्टर में बैठे अधिकारी कार्रवाई सुनिश्चित कर सकेंगे। वाहन की गतिविधियां सीसी कैमरे में कैद होती रहेंगी। आरटीओ के अफसरों और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी कराई जा चुकी है। रविवार को आरटीओ को इंटरसेप्टर मिल गया है। दरअसल, कुशीनगर और गोरखपुर होकर नेशनल हाइवे गुजरता है। हाइवे से होकर बिहार से दिल्ली रूट पर चलने वाली बसें और ओवरलोड ट्रक मनमाने गति से चलते हैं। कुशीनगर और गोरखपुर जनपद में पडऩे वाले हाइवे पर आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। यही नहीं राज्य मार्गों पर भी वाहन दुर्घटना ग्रस्त होते रहते हैं। जनवरी से अगस्त तक गोरखपुर में ही करीब 800 मार्ग दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। ओवरलोड के चलते सड़कें भी क्षतिग्रस्त होती हैं। उसका कहना है कि तेज गति से चलने वाले वाहनों की रोकथाम के लिए उनके पास कोई संसाधन ही नहीं है। अब इंटरसेप्टर मिल जाने से परिवहन विभाग की बहानेबाजी भी समाप्त हो जाएगी। गोरखुपर और कुशीनगर को एक-एक इंटरसेप्टर वाहन मिल गया है। यह हाईटेक संसाधनों से लैस है। हाई स्पीड मापक यंत्र लगा हुआ है। तेज रफ्तार में वाहन चलाते पाए गए तो चालान कट जाएगा। संजय कुमार झा, आरटीओ प्रवर्तन

Posted By: Inextlive