गोरखपुर जिस मुंशी प्रेमचंद की पहचान पर इतराता है. आज वही पहचान शासन-प्रशासन की लापरवाही से मैली हो गई है. गोरखपुर के लिए ये गौरव की बात है कि मुंशीजी ने यहां एक टीचर के रूप में समय बिताया था. नार्मल स्थित स्कूल जहां वो पढ़ाते थे वहां उनकी यादें आज भी बसी हुई हैं. वहीं उनके नाम पर एक लाइब्रेरी भी नार्मल ग्राउंड में बनाई गई थी जो आज जर्जर हालत में है और गिरने की कागार पर पहुंच चुका है. यहां पर प्रशासन उनकी यादों को संजोने के लिए संग्राहलय से लगाए मुंशी प्रेमचंद के पार्क का विस्तार करने की पहल तो की थी लेकिन न तो ये काम हुआ और न उसके बाद किसी ने इसकी सुधि ली. हालत यह है कि यह आवारा पशुओं का कब्रगाह और नशेडिय़ों के जमावड़े के लिए मुफीद जगह जरूर बन गई है.

गोरखपुर (ब्यूरो), उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद पार्क का दायरा बढ़ाने के लिए दो साल पहले काम शुरू हुआ था। उनकी कर्मभूर्मि नार्मल कैम्पस में फैली 15 एकड़ जमीन पर उनके नाम पर संग्राहलय, लाइब्रेरी और पार्क का विस्तार होना था। प्रेमचंद की पहचान को संजोने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर करीब पांच करोड़ रुपए भी जारी हुए थे। तत्कालिन डीएम के विजयेन्द्र पांडियन, जीडीए की टीम और डायट प्रिंसिपल ने नार्मल ग्राउंड पर इंस्पेक्शन कर जगह भी चिन्हित कर ली थी कि कहां पर क्या बनेगा। सूत्रों की मानें तो बाद में 15 एकड़ छोड़ पांच एकड़ जमीन में प्रेमचंद पार्क का विस्तार और सुंदरीकरण करने की बात भी चली, लेकिन ये प्रोजेक्ट भी ठंडे बस्ते में चला गया।
हटाए गए थे अवैध कब्जे
प्रेमचंद पार्क के विस्तार के लिए अवैध कब्जेधारकों को चिन्हित किया गया। इसके बाद बुलडोजर लेकर यहां से अवैध कब्जा हटाया भी गया था। उन जगहों पर एक बार फिर अवैध कब्जा हो गया, लेकिन पार्क का विस्तार नहीं हो सका। इतने तेजी से शुरू हुआ काम इतनी जल्दी ठंडे बस्ते में चला गया, ये सोचकर यहां के लोग भी हैरान हैं।
गंदगी और बदबू के बीच गुजरते हैं स्टूडेंट
नार्मल परिसर में एडी बेसिक का ऑफिस, डायट और दो ट्रेनिंग सेंटर हैं। यहां पर डायट के 400 स्टूडेंट्स डेली ट्रेनिंग लेने आते हैं। नार्मल परिसर में जगह-जगह आवारा पशुओं के शव फेंके हुए हैं, कई जगह तो बालू से उन्हें ढक भी दिया गया है, लेकिन मरे हुए जानवरों की बदबू बीएसए ऑफिस, नगर शिक्षा अधिकारी ऑफिस और एडी बेसिक ऑफिस परेशान रहता है। साथ ही स्टूडेंट्स इसी गंदगी और बदबू से रोज गुजरते हैं।
मुंशी प्रेमचंद पार्क के विस्तार की जानकारी मुझे नहीं है। इसका मैं पता करवाता हूं। जरूरत पड़ेगी तो मैं खुद जाकर नार्मल स्थित उस जगह को देखूंगा। इसके बाद जो जरूरी होगा उसे करवाया जाएगा।
प्रेमरंजन सिंह, वीसी, जीडीए
इधर काफी गंदगी यहां बढ़ी है। मैं बात करके गेट बंद करवाता हूं। इसके बाद भी कोई अंदर आएगा तो उसके ऊपर विधिक कार्रवाई की जाएगी। मैं कल ही इसको दिखवाता हूं।
रमेन्द्र सिंह, बीएसए
नार्मल ग्राउंड में तो गंदगी फेंकने का अड्डा बना दिया गया। वहां की बदबू हमारे ऑफिस तक आती है। इसके लिए हम लोग मीटिंग कर संबंधित अधिकारी से मिलेंगे। जो भी जरूरी होगा उसको किया जाएगा।
- सत्य प्रकाश त्रिपाठी, एडी बेसिक
जो कार्ययोजना बनाई गई है, उसको शासन में अप्रूवल के लिए भेजा जाएगा। इस संदर्भ में जीडीए से भी बात की जाएगी।
विजय किरण आनंद, डीएम

Posted By: Inextlive