सब समझें अपनी जिम्मेदारी तो खत्म होगी जलजमाव की बीमारी
आई नेक्स्ट ग्रुप डिस्कशन
- पूरे शहर में जल निकासी के सोर्स का हो सर्वे, कमियों को करें दुरुस्त - अधूरे नाले हों पूरे, कॉलोनियां के निर्माण और अपार्ट्समेंट आदि की स्वीकृति के पहले देखा जाए जलनिकासी की व्यवस्थाGORAKHPUR: शहर में नासूर बन चुकी जल जमाव की समस्या खत्म हो सकती है। इसके लिए जरूरी है कि एक बार किसी विश्वसनीय एजेंसी से पूरे शहर की जल निकासी के संसाधनों का सर्वे कराया जाए। बढ़ती आबादी के हिसाब से एक दूरगामी योजना बनाई जाए और मौजूदा संसाधनों की कमियों को दूर कर नई योजना की तरफ आगे बढ़ा जाए। साथ ही नई बसने वाली कॉलोनियों, शहर में बनने वाले अपार्टमेंट्स आदि की स्वीकृति से पहले यह देखना जरूरी है कि क्या वहां जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था है? आई नेक्स्ट के ग्रुप डिस्कशन में आए एक्सपर्ट्स की मानें तो नगर निगम व जीडीए के साथ-साथ यदि पब्लिक भी अपनी जिम्मेदारी समझ ले तो जलजमाव की बीमारी खत्म हो जाएगी।
यह न करें पब्लिक - नाले में कूड़ा न डालें। - अपने घर के सामने के फुटपाथ को ऊंचा न करें। - नाले-नालियों पर स्थायी स्लैब न डालें। टेम्प्रोरेरी स्लैब डालें ताकि समय-समय पर उसकी सफाई हो सके। - नाले-नालियों पर इन्क्रोचमेंट न करें।- घर के सामने यदि नाले की सफाई हो तो रोके नहीं।
-घरों का निर्माण कॉलोनियों के डेवलप प्लान के अनुसार कराएं। नक्शा जरूर बनवाएं। नगर निगम-जीडीए की लापरवाही - नई कॉलोनियों को बिना ड्रेनेज सिस्टम के ही स्वीकृति दे देना। - शॉपिंग मॉल और अपार्टमेंट की जलनिकासी की व्यवस्था देखे बिना ही स्वीकृति दे देना। - अधूरे नाले और नालियों को पूरा न कराना जो कहीं से शुरू होती है और कहीं भी खत्म हो जाती हैं। - शहर में नालों को एक-दूसरे से लिंक न करना। - नालियों की उचित सफाई नहीं कराना। - नाले और नालियों से इन्क्रोचमेंट न हटवाना। - तल्लीझाड़ सफाई न करना। यह हो जाए तो बन जाए बात - अधूरे नाले और नालियों का निर्माण पूरा हो। - सभी नाले और नालियों को एक-दूसरे से जोड़ा जाए। - बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए दूरगामी योजनाएं बनाई जाएं। - शहर में जलनिकासी वाले रास्ते का एक बार किसी बड़ी व अनुभवी संस्था से विस्तृत सर्वे कराया जाए। इसके अनुसार कमियों को दूर किया जाए। - समय-समय पर सभी नाले और नालियों की तल्लीझाड़ सफाई की जाए। - जीडीए अपने यहां कॉलोनियाें और अपार्टमेंट की स्वीकृति देने से पहले वहां जलनिकासी की व्यवस्था जरूर जांचे। वर्जननगर निगम का प्रयास रहता है कि किसी एरिया में जल जमाव न हो। शहर में अमृत योजना जिस दिन चालू हो जाएगी, जल जमाव की समस्या से निजात मिल जाएगी। इस पर काम हो रहा है।
- डॉ। सत्या पांडेय, मेयर शहर में जल जमाव एक सामान्य बात है लेकिन अपने शहर में यह स्थायी संकट बनता जा रहा है। इसको समाप्त करने के लिए पब्लिक के साथ ही जिम्मेदार को भी गंभीरता से सोचना होगा। - प्रो। शिवशंकर वर्मा, भूगोलवेत्ता शहर में जल जमाव के लिए जिम्मेदारों के साथ ही पब्लिक भी दोषी है। घरों से निकला कूड़ा नाले और नालियों में चला जाता है, जिसकी सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन वह नहीं करा पाता। शहर में अधूरे पड़े नाले सबसे अधिक जल जमाव के कारण हैं। - जितेंद्र द्विवेदी, विशेषज्ञ, जल निकासी शहर में जल जमाव का प्रमुख कारण है अतिक्रमण। नाले, नालियों और सड़कों के बीच में पड़ने वाले फुटपाथ पर लोगों का कब्जा है। लोग फुटपाथ को ऊंचा कर देते हैं। इससे बारिश का पानी सड़कों पर ही रह जाता है। - अनिल जायसवाल, व्यापारी नेतानगर निगम नालियों का निर्माण तो कर देता है, लेकिन सफाई नहीं कराता। शहर के कई ऐसे मार्केट हैं कि जहां नालियां तो हैं, लेकिन मिट्टी से भर गई हैं। नगर निगम इनको सफाई करने का कार्य करना चाहिए।
- श्री प्रकाश सिंह, अनिल, अध्यक्ष, महानगर उद्योग व्यापार मंडल नगर निगम द्वारा कुछ एरिया में कार्य तो करा रहा है लेकिन सही प्लानिंग नहीं होने के कारण योजना दिशा से भटक जा रही है। शहर में जलजमाव का यही मुख्य कारण है। योजनाओं की प्लानिंग सिर्फ उस समय के हिसाब से नहीं बल्कि आने वाले समय के हिसाब से होनी चाहिए। - सुरेंद्र कुमार, आरटीआई कार्यकर्ता शहर में सीवरेज-ड्रेनेज का कोई सिस्टम है भी या नहीं, पता ही नहीं चलता है। नालों में लोग कूड़ा न गिराएं इसके लिए सभी नालों को छोटे-छोटे स्लैब से बंद कर देना चाहिए। साथ ही नालों व रोड के पास कूड़ा पड़ाव केन्द्र होना चाहिए ताकि लोग कूड़ा उसी में डाले। - डॉ। संजीव श्रीवास्तव, नागरिक, शास्त्रीपुरम गोरखनाथकई नाले और नालियां एक दूसरे से जुड़े ही नहीं हैं। इस कारण कई नाले एक जगह से शुरू होते हैं और दूसरी जगह समाप्त हो जाते हैं। ऐसे नाले के पानी की जलनिकासी होती ही नहीं है। सभी नालों का पानी दूसरे नाले या फिर कहीं न कहीं निकलना चाहिए।
दीपक दूबे, नागरिक, रानीबाग, रुस्तमपुर