खबर भी, असर भी
GORAKHPUR : आई नेक्स्ट सामाजिक सरोकार, विकास और न्याय के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझता है। हमने पिछले एक साल में कई मुद्दे उठाए। ऐसी खबरों की लंबी फेहरिस्त है, फिर भी पांच ऐसे मुद्दे हैं जो आई नेक्स्ट की छाप छोड़ गए। फिर चाहे वह हेल्प गोरखपुर हो या डीएम का फर्जी लाइसेंस बनवाने का मामला हो। हमने पर्यावरण को लेकर भी लगातार मुहिम चलाई। इन सबके बीच 'मेडिकल कॉलेज का सच' मुहिम को कौन भूल सकता है। हमने मेडिकल कॉलेज में चल रही रही अनियमितता को बैखौफ होकर सबके सामने रखा और प्रशासन ने उस पर कार्रवाई भी की।
हेल्प गोरखपुरजून ख्0क्ब् में गोरखपुर में एक बड़े व्यापारी पर उसकी भतीजी ने ही यौन शोषण का आरोप लगाया था। मामला पुलिस में पहुंचा तो शुरू हुआ पीडि़त के मानसिक बलात्कार का दौर। हमने एक मुहिम चलाई कि आखिर कब तक होता रहेगा दोहरा बलात्कार। आई नेक्स्ट ने शहर के बुद्धिजीवियों के बुलाकर डिस्कशन कराया। हेल्प गोरखपुर नाम का एक फोरम बनाया गया। यह पैनल रेप विक्टिम की मदद करता है। यह पहला मौका था जब सिटी में इस तरह का कोई फोरम तैयार किया गया।
खूनी स्टियरिंगगोरखपुर में एक बस दुर्घटना में करीब दस लोगों की मौत हो गई थी। आई नेक्स्ट ने दुर्घटना की वजह तलाशी और सामने रखा। हमने लगातार ऐसी खबर प्रकाशित की जिनमें बस चालकों, कंडक्टरों की कारगुजारी जाहिर हुई। जैसे वे किस तरह बस का फिटनेस सर्टिफिकेट हासिल कर लेते हैं, इतना ही नहींवे शहर में इतनी स्पीड में बस चलाते हैं कि आस पास चलने वालो की जान पर बन आए। आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस ने आई नेक्स्ट के सहयोग से कैंपेन चलाया। ऐसे हैवी व्हीकल चालकों को मौके पर ही पकड़ा गया जो सारे नियमों को रौंदकर गाड़ी चलाते हैं।
मेडिकल कॉलेज का सच गोरखपुर का मेडिकल कॉलेज पूर्र्वाचल का एकमात्र ऐसा कॉलेज है। यहां सुविधाएं तो सभी है, लेकिन इन सुविधाओं के लिए पब्लिक को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है। यहां पैथोलॉजी तो है, लेकिन जांच नहींहोती। मेडिकल स्टोर है, लेकिन दवाएं नहींमिलती। आई नेक्स्ट ने मरीजों का दर्द समझा। हमने लगातार एक से एक बढ़कर ऐसी खबरें प्रकाशित की जिन्होंने मेडिकल कॉलेज की सच्चाई सामने ला दी। आई नेक्स्ट में लगातार खबर छपने के बाद मेडिकल प्रशासन जागा। सेव रोहिनआई नेक्स्ट पर्यावरण की समस्याओं को लेकर हमेशा अवेयर करता रहा है। रोहिन गोरखपुर की जीवन रेखा कही जाती है। रोहिन नदी में नेपाल से गंदा पानी छोड़ा जा रहा था। रोहिन के साथ राप्ती का पानी भी गंदा हो रहा था। आई नेक्स्ट ने इस मुद्दे को प्रमुखता से पब्लिश किया। खबर पढ़ने के बाद सदर सांसद ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखा। इसका नतीजा हुआ कि रोहिन नदी का पानी एक बार फिर निर्मल और पीने लायक हो गया।
फर्जी लाइसेंस सिटी में आरटीओ में फर्जी लाइसेंस बनवाने का धंधा जोरों पर है। कोई भी किसी का भी लाइसेंस थोड़ी सी रिश्वत देकर बनवा सकता है। ऐसी कुछ शिकायतें आई नेक्स्ट ऑफिस में आ रही थी। मार्च ख्0क्भ् में आई नेक्स्ट ने आरटीओ के ऐसे बाबू का स्टिंग किया जो हाथों हाथ लाइसेंस बनवा देता था। आई नेक्स्ट ने पूरे मामले को प्रशासन के सामने लाने के लिए एक स्टिंग किया। इसमें गोरखपुर के डीएम रंजन कुमार का फर्जी लाइसेंस बनवाया गया। खबर छपते ही पूरे शहर और आरटीओ में हड़कंप मच गया। लोगों की जुबां पर बस एक ही नाम था आई नेक्स्ट। असरदार अखबारएक अखबार के लिए समाज में जो भूमिका निभाने को होती है, आई नेक्स्ट ने वो भूमिका निभाई है। एक अखबार जनहित के मुद्दों को उठाता है, आई नेक्स्ट ने कई ऐसी मुद्दों को उजागर किया है। आई नेक्स्ट की हर खबर का असर होता है। आई नेक्स्ट परिवार को शुभकामनाएं।
डॉ। सत्या पांडेय, मेयर