मैंने भागना नहीं सीखा, गोरखपुर की जनता से है प्यार: चंद्रशेखर रावण
गोरखपुर (ब्यूरो)। उन्होंने कहा कि जनता योग्यता तय करके वोट दे। मैं सीएम से डिबेट करना चाहता हूं। लोकार्पण हवा-हवाई हैं। किस चीज में हमसे ज्यादा विजन है। युवाओं के
लिए, एजुकेशन के लिए, हेल्थ के लिए या तमाम तरह से कानून-व्यवस्था पर काम करने के लिए, अब गोरखपुर अपना नेता स्वयं चुनेगा।जनता तय करती है कि नेता कौन है
सरकार के नेताओं की कथनी और करनी में फर्क है। उनको जनता जवाब देगी। निषाद समाज के लोगों से कहा था कि आरक्षण देंगे। यहां पर निषाद समाज हमको समर्थन देने के लिए तैयार बैठा है। मेरा लक्ष्य सीएम को सदन में जाने से रोकना है। यहां बारिश में शहर में डूब जाता है। बच्चियां नाव चलाकर स्कूल जाती हैं। यहां कोई बीमार होता है कि उसे
एम्स से बीआरडी भेजा जाता है।
इमरान मसूद के सवाल पर कन्नी काट गए चंद्रशेखर
पश्चिमी यूपी के विवादित नेता और दंगों के आरोपों से घिरे इमरान मसूद के साथ अपने संबंधों को लेकर मीडिया के सवाल पर चंद्रशेखर कन्नी काट गए। उन्होंने पहले तो यह कहा
कि मीडिया को यहां यह सवाल नहीं पूछना चाहिए। सवाल का जवाब देने को कहा गया तो यह कहकर बगलें झांकने लगे कि मेरी जगह यदि जेपी नड्डा बैठे होते तो क्या यही
सवाल पूछा जाता। इस पर एक मीडियाकर्मी ने पूछा कि इमरान मसूद के साथ देशद्रोह के मामले में आप पर भी रासुका के तहत कार्रवाई हुई थी, क्या उनके कहने पर ही गोरखपुर चुनाव लडऩे आए हैं? इस पर चन्द्रशेखर आजाद रावण ने कहा कि सहारनपुर का होने के चलते उनकी इमरान मसूद से जान-पहचान है। उन्होंने कहा कि बीते पांच साल में उत्तर प्रदेश में 123 लोगों पर रासुका लगाई गई जिनमें से एक मैं भी हूंं। हालांकि इनमें से 102 मामले कोर्ट में खारिज हो गए, मेरा मामला भी कोर्ट में खारिज हो गया। क्योंकि जांच में सामने आया कि यह रासुका की कार्रवाई राजनीतिक बदला लेने के लिए लगाई गई थी।दलितों को सम्मान नहीं देना चाहती समाजवादी पार्टी
समाजवादी पार्टी से चुनावी गठबंधन की विफलता पर सवाल किए जाने पर चंद्रशेखर आजाद रावण ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से पूरा प्रयास किया लेकिन सपा दलितों को सम्मान नहीं देना चाहती। सपा के नेताओं को कहीं न कहीं भय था कि सत्ता बनने पर चंद्रशेखर दलितों, मुस्लिमों और महिलाओं के सवाल पर चुप नहीं बैठेगा।