आज ह्यूमन राइट्स पर है आघात जैसी स्थिति
-ह्यूमन राइट्स डे पर सिटी के डिफरेंट इंस्टीट्यूट्स में ऑर्गेनाइज हुए प्रोग्राम
- इंस्टीट्यूट्स में प्रबुद्ध वर्ग ने रखे अपने-अपने विचार GORAKHPUR: ह्यूमन राइट्स डे के मौके पर सिटी के डिफरेंट इंस्टीट्यूट्स में सेमिनार ऑर्गेनाइज किए गए। इसी क्रम में डीडीयू के डिफेंस एंड स्ट्रेटजिक स्टडीज डिपार्टमेंट में 'भय और अभाव से मुक्ति आवश्यक' टॉपिक पर प्रबुद्ध लोगों ने अपने-अपने विचार रखे। डीडीयू एक्स वीसी प्रो। राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि विकास के संवाहक लगातार बदल रहे हैं। ऐसे में विकास का अधिकार और शांति का अधिकार भी महत्वपूर्ण हो गया है। वहीं चीफ गेस्ट संस्कृत डिपार्टमेंट के प्रेसीडेंट प्रो। मुरली मनोहर पाठक ने कहा कि भारत की वैदिक परंपरा के प्राचीन पृष्ठों से लेकर आज ह्यूमन राइट्स पर आघात जैसी परिस्थितियां निर्मित हो रही है।इसी क्रम में सरस्वती विद्या मंदिर महिला महाविद्यालय आर्यनगर में ह्यूमन राइट्स डे के चीफ गेस्ट डॉ। ब्रजेश मणि मिश्र ने कहा कि हमें अपने मानव अधिकारों के निर्वहन की शुरूआत अपने परिवारों से ही करनी चाहिए। जिससे समाज के लोगों में मानव अधिकार का सही रूप परिलक्षित हो सके। कार्यक्रम अधिकारी डॉ। कनक मिश्रा ने आभार ज्ञापन करते हुए कहा कि व्यक्ति अगर अपने अधिकारों का सही निर्वहन करें तो समाज प्रगति की ओर अग्रसर होगा। वहीं पीपुल्स वॉयस की तरफ से 'मानवाधिकार एवं राज्य' सब्जेक्ट पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। सेमिनार के दौरान मानवाधिकारों के संरक्षण एवं हनन को रोकने के लिए सभी पदाधिकारियों को सतत संघर्ष करने की शपथ दिलाई गई। विद्या मंदिर शिक्षण संस्थान में आतंकवाद का बढ़ता प्रभाव और मानवाधिकार सब्जेक्ट पर सेमिनार का आयोजन किया गया है। इस मौके पर विजय रंजन तिवारी, आकांक्षा, महेश, गौतम व मोनिका आदि उपस्थित रहे।