इनकी बगिया में मुस्कुराते हैं पौधे
- पति की प्रेरणा से शौक को मिला मुकाम
- मेडिसिनल प्लांट का पूरा मोहल्ला लेता है लाभ द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : अजीबोगरीब शौक कभी-कभी लोगों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। शुरूआत में कोई भले मजाक उड़ाए, लेकिन फायदा सामने आने पर मुंह बंद हो जाता है। कुछ ऐसा हुआ पादरी बाजार मोहल्ले में पुष्पा रानी के साथ। पेड़-पौधों के शौक ने उनको प्रकृति के बेहद करीब ला दिया। उनके लिए पौधे संतान के समान हैं। फैमिली से ज्यादा ध्यान वह पौधों पर देती हैं। पति-बच्चों के लिए उनके पास भले न समय बचे पर पौधों की देखभाल में उनका दिन गुजर जाता है। एक- एक कर लगाए पौधेघर के बाग में पौधे लगाने का शौक पुष्पा रानी को बचपन से था। उनके इस शौक को पति हरिनाथ ने परवान चढ़ाया। फूलों के बजाए औषधीय पौधे लगाने की प्रेरणा पति ने दी। पांच साल पहले वह मार्केट से किताब खरीदकर ले गईं। किताबों का अध्ययन करके उन्होंने मेडिसिनल प्लांट जुटाना शुरू कर दिया। आम, कटहल, अमरूद, आंवला के साथ-साथ मेडिसिनल प्लांट लगाने लगी।
इलायची की खुशबू से महकता मोहल्लाधीरे-धीरे बाग में 20 से अधिक प्रजातियों के पौधे लग गए। इलायची से लेकर चीकू का तक का पौधा नजर आने लगा। इलायची के पौधे की खुशबू ने मोहल्ले के लोगों का कौतुहल बढ़ा दिया। हींग हो या अश्वगंधा, पौधों का अट्रैक्शन लोगों को बरबस अपनी ओर खींच लेता है।
इन पौधों पर विशेष नजर आंवला, संतरा, सतावर, अश्वगंधा, घृतकुमारी, हींग, नागराज, गिलोय, पथरचूर्ण, लठराज, इलायची, चिकू और हल्दी सहित करीब 20 प्रजातियों के पौधे बाग में लगे हैं। इनका विशेष ख्याल रखा जाता है। पुष्पारानी का कहना है कि किताबों को पढ़कर पौधों की देखभाल की जानकारी कर लेती हैं। उनके घर आने वाले परिचित पौधों के बारे में जानकारी लेते हैं। मेडिसिनल प्लांट लगाने की प्रेरणा पति से मिली। फूलों और फलों के पौधे तो आमतौर पर लोग बगिया में लगाते हैं। औषधीय पौधों का लाभ मोहल्ले के लोगों को भी मिल रहा है। पुष्पा रानी, गृहणी