गोरखपुर में पहली बार कंस्ट्रक्शन फील्ड में मिवान टेक्निक का उपयोग होने जा रहा है. जीडीए की ओर से प्रयोग किए जा रहे इस तकनीकी से फिलहाल फ्लैट-मकान बनाए जाएंगे.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इससे फ्लैट-मकान की कीमत 25 से 30 परसेंट कम हो जाएगी। इस टेक्निक में भवन निर्माण में ईंट का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं होगा। साथ ही दीवारों पर प्लास्टर की जरूरत भी नहीं होगी। इस तकनीक से बनने वाले भवन पूरी तरह कॉन्क्रीट से बनेंगे।सीलन से मिलेगी निजात मिवान टेक्निक तकनीक से भवनों के निर्माण आगामी योजनाओं में प्रयोग करने की तैयारी में जीडीए जुटा है। इस टेक्निक के मकानों की खासियत होगी कि इसमें सीलन की समस्या कभी नहीं आएगी। वहीं, जीडीए का मानना है कि एलआईजी, एमआईजी के साथ ईडब्ल्यूएस भवनों की लागत कम होगी। इसकी हर किसी को आशियाने की चाहत पूरी हो सकेगी। अभी लागत ज्यादा होने से फ्लैट की कीमतें अधिक होने से एक बड़ा वर्ग चाहकर भी खरीद नहीं पाता है। क्या है मिवान


मिवान शटरिंग एक कंस्ट्रक्शन टेक्निक है, जिससे काम तेजी से होता है। अधिक मजबूत और टिकाऊ होता है, क्योंकि इमारत में एल्युमीनियम फ्रेमवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। जो कारखाने में बनी होती है और सीधे कंस्ट्रक्शन साइट पर स्थापित की जाती है।

कम कीमत पर, कम समय में ज्यादा गुणवत्तायुक्त भवन गोरखपुराइट्स को उपलब्ध कराने की दिशा में जीडीए कदम उठा रहा है। इस तकनीकी से काम भी तेजी से होंगे। इससे समय में लोगों को मकान-फ्लैट उपलब्ध कराए जा सकेंगे। महेंद्र सिंह तंवर, जीडीए वीसी ये होंगे फायदे 25 से 30 प्रतिशत कम हो जाएगी लागत ईंट का बिल्कुल भी नहीं होगा इस्तेमाल दीवारों पर प्लास्टर की जरूरत ही नहींटाउनशिप कम समय से पहले होगी पूरी जीडीए ने टेंडर प्रक्रिया की शुरुआत की

Posted By: Inextlive