होटल भी बने बेखौफ दरिंदों का ठिकाना
- महानगर व सिद्धार्थनगर की घटनाओं ने खडे़ किए सवाल
GORAKHPUR: महानगर में दरिंदे बेखौफ है और खुलेआम घटनाओं को अंजाम देने में लगे हुए है। शहर के कुछ होटल ऐसे दरिंदों के लिए अय्याशी का अड्डा बन गए हैं। यह खुलासा तब हुआ जब सिटी में 25 दिनों के अंदर दो सनसनीखेज गैंगरेप के मामले सामने आए हैं। इससे जहां पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही सामने आई है, वहीं होटल संचालकों की अनदेखी भी भारी पड़ रही है। दोनों ही मामले में आरोपी अब तक आजाद घूम रहे हैं। अब देखना यह है कि पुलिस ऐसे मामलों पर रोक लगाने के लिए क्या कदम उठाती है? वहीं होटल संचालकों पर भी किस तरह से शिकंजा कसती है, क्योंकि कहीं न कहीं वह भी इस घटना के लिए गुनाहगार हैं। होटल संचालकों की खुली पोलइन दोनों ही घटनाओं ने गोरखपुर में मनमाने ढंग से चल रहे इस खेल के साथ ही होटल संचालकों की लापरवाही सामने ला दी है। वहीं लगातार सामने आ रहे ऐसे मामलों की वजह से पुलिस की वर्किंग भी संदेह के घेरे में हैं। महानगर के होटल में बीते 25 दिन के अंदर दो बड़ी गैंगरेप की घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी दरिंदे अब भी आजाद घूम रहे हैं और रूल्स की अनदेखी कर रहे होटल संचालक भी जाने-अनजाने गुनाहगार बन रहे हैं।
केस 1 महराजगंज जिले की एक सोलह वर्षीय किशोरी ने दो युवकों के खिलाफ थाने में तहरीर दी। उसने आरोप लगाया है कि दो युवकों ने उसका अपहरण कर लिया और उसके बाद गोरखपुर रेलवे स्टेशन रोड के सामने एक होटल में उसके साथ गैंगरेप किया। इतना ही नहीं किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। पीडि़ता ने अपने परिजनों के साथ थाने पहुंचकर आपबीती बताई और आरोपियों के खिलाफ तहरीर दे दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी है। केस - 2इससे पहले भी गोरखपुर जंक्शन के एक होटल में ऐसी घटना हो चुकी है। 26 जून को 16 वर्षीय किशोरी की 6 युवकों ने आबरू लूट ली। वह उसे बहला-फुसलाकर बांसी ले गए। वहां से वह उसे लेकर बस के थ्रू गोरखपुर पहुंचे। इसके बाद एक होटल में उन्होंने किशोरी के साथ चार दिनों तक एक-एक करके गैंगरेप किया। उसके बाद दरिंदों ने उसे गांव के बहार यह धमकी देते हुए छोड़ दिया कि यदि उसने जुबान खोली तो उसे जान से मार देने की धमकी दी। किशोरी जब घर पहुंची तो उसके परिजनों को किसी अनहोनी की आशंका हुई। बदमाशों की दहशत के मारे किशोरी ने परिजनों से कुछ नहीं बताया लेकिन जब परिजनों का दबाव बनाया तो उसने आपबीती बताई। घरवालों ने तत्काल थाने पहुंच कर आरोपियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
उठ रहे सवाल - ऐसे में सवाल खड़े होते हैं कि क्या होटल में संचालक अपने यहां आने-जाने वाले लोगों का ब्योरा रखते हैं? क्या वह होटल में ठहरने वालों के संदिग्ध दिखने पर पुलिस को इस बात की सूचना देते हैं? क्या पुलिस ऐसे होटलों पर नजर रखती है? नियमित रूप से नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले इन होटलों पर क्या पुलिस ने कभी छापेमारी की है? घटना के बाद भी पुलिस अब तक हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी है?