न भोजन है, न पानी है, हॉस्टल में बस राजनीति!
- दिव्यांग छात्रों को नहीं मिल रहीं मूलभूत सुविधाएं
- फूड कमेटी कर रही राशन पर राजनीति, स्कूल प्रशासन लाचार GORAKHPUR: लाल डिग्गी स्थित राजकीय स्पर्श इंटर कॉलेज के हॉस्टलर्स बदहाल व्यवस्थाओं से परेशान हैं। यहां के छात्र खाने के समय में अनियमितता, खराब क्वालिटी भोजन और गंदगी सहित तमाम दिक्कतों के बीच जीने को मजबूर हैं। इसकी शिकायत हॉस्टलर्स ने विकलांग कल्याण अधिकारी से की थी। इसे गंभीरता से लेते हुए उन्होंने तत्काल मामले की जांच के आदेश दिए। इसके बावजूद फूड कमेटी की मनमानी और स्कूल प्रशासन के मौन के चलते समस्या का निदान नहीं हो सका है। खाने में रोटी चटनीबीते दिनों राजकीय स्पर्श इंटर कॉलेज के हॉस्टलर्स ने विकलांग कल्याण अधिकारी मधुरेंद्र कुमार पर्वत से शिकायत की थी कि उन्हें खाने में सिर्फ रोटी और चटनी दी जाती है। इसके अलावा हॉस्टल में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है। इन आरोपों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने प्रिंसिपल चंद्र कुमार से सवाल-जवाब भी किया। उन्होंने जो इसे फूड कमेटी की लापरवाही बताया।
राशन पर होती है राजनीतिहॉस्टल के भीतर जब छात्रों से बात की गई तो उनका कहना था कि फूड कमेटी के सदस्य अपनी मनमानी करते हैं। चारों सदस्यों ने अपनी-अपनी टीम बना रखी है। राशन खरीदारी से लगाए भोजन बनवाने को लेकर यहां राजनीति होती है। इसके बाद जाकर किसी तरह राशन आता है। आए दिन हास्टलर्स के बीच झगड़े भी आम बात हैं। छात्रों का कहना है कि अगर फूड कमेटी की जगह भोजन की जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होती तो शायद इतनी समस्या नहीं आती।
कमेटी के सदस्य 12वीं के सुनील कुमार गुप्ता- अध्यक्ष 9वीं के राकेश कुमार - उपाध्यक्ष 12वीं के परशुराम दुबे - महासचिव 12वीं के मनोज कुमार गौड़ - उपसचिव कभी भी शुद्ध भोजन नसीब नहीं होता है। वार्डन से शिकायत करने पर भी कोई नहीं सुनता। हॉस्टलर्स भी आपस में राजनीति करते हैं। राजेश, 11वीं ना तो नाश्ता मिलता है और ना ही समय पर लंच और डीनर। मिलता भी है तो चटनी और रोटी। वशिष्ठ कुमार मिश्रा, 11वीं प्रत्येक स्टूडेंट के लिए 1200 रुपए प्रतिमाह मिलता है। लेकिन कभी कटहल की सब्जी बना दी जाती है तो कभी चटनी और रोटी परोसी जाती है। श्याम निषाद, 9वींकोई ऐसा दिन नहीं जब खाने के लिए जद्दोजहद ना करनी पड़ती हो। यहां गंदगी भी बहुत ज्यादा है। इसकी भी शिकायत प्रिंसिपल से कई बार की गई लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
आनंद कुमार पांडेय, 8वीं फूड कमेटी के सदस्य हॉस्टलर्स के दोनों टाइम का भोजन तय करते हैं। खाने की क्वालिटी बेहतर हो, इसके लिए फूड कमेटी के सदस्यों से बात की जाएगी। मधुरेंद्र कुमार पर्वत, विकलांग कल्याण अधिकारी हॉस्टलर्स के भोजन की जिम्मेदारी फूड कमेटी की है। इसके सदस्य हॉस्टलर्स में से ही चुने जाते हैं। एक बार तो वार्डन ने पोहा बनवा दिया था, तो छात्रों ने हंगामा शुरू कर दिया था। तब से स्कूल प्रशासन इस मामले में नहीं पड़ता। चंद्र कुमार, प्रिंसिपल