ये होलिका जलती नहीं, जाम लगाती है
- बीच चौराहे पर जमा कर दी होलिका
GORAKHPUR : सरकारी महकमों के सारे प्लान कागजों में बनते हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण हर साल होली पर देखने को मिलता है। जब प्लान के अपोजिट शहर के विभिन्न चौराहों, गली-मोहल्लों के रास्तों पर होलिका खड़ी कर दी जाती है। प्रशासन आंखें बंद किए बैठे रहता है और होलिका सड़क पर जल जाती है। इससे कई बार सड़क तक खराब हो जाती है। वहीं होली से क्भ् दिन पहले सड़कों पर जमा होलिका से न सिर्फ जाम लगता है, बल्कि एक्सीडेंट के चांसेज भी बढ़ जाते हैं। इसके बावजूद कभी कोई अधिकारी इस प्रॉब्लम को समय से पहले सॉल्व करने की कोशिश नहीं करता। हर चौराहे पर इकट्ठा है होलीशहर का दिल वीर बहादुर सिंह तिराहा, मोहद्दीपुर गुरुद्वारा के पास, रानीडिहा, दीवान बाजार, शास्त्री चौराहा, हनुमान मंदिर, रीड साहब धर्मशाला बेतियाहाता समेत सभी बिजी चौराहों पर लोगों ने होलिका के लिए सूखे पेड़ इकट्ठा कर रखे हैं। जिसे होली के दिन जला कर पूजा की जाती है। इस रीति में न सिर्फ सड़क खराब होती है, बल्कि आए जिन जाम और एक्सीडेंट की समस्या बढ़ जाती है। इसको लेकर लास्ट इयर नगर निगम, पुलिस और प्रशासन ने मिल कर एक प्लान बनाया था। जिसके तहत सड़क पर ईट लगा कर होली इकट्ठा की जाएगी। इसके बाद रोड के बजाए किनारे होली रखी जाएगी, मगर साल और अधिकारी चेंज होते ही प्लान भी धरा का धरा रह गया। इस साल फिर वही पुराने तरीके से लोगों ने होलिका चौराहों पर लगा दी है जिसके चलते पिछले एक सप्ताह से विभिन्न चौराहों जाम लग रहा है।
चौराहे पर होलिका नहीं रखनी चाहिए। इससे जाम की समस्या बड़ी हो जाती है। होलिका को एक किनारे रखना चाहिए। कई बार रात में इसके कारण एक्सीडेंट भी हो जाता है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। रमेश मिश्रा, प्रोफेशनल अधिकांश चौराहे काफी बिजी हैं जहां अक्सर जाम की समस्या रहती है। ऐसे में बीच में होली रखने से यह समस्या और बढ़ जाती है। इस समस्या को खत्म करने के लिए सही प्लानिंग जरूरी है। साथ ही इस प्लान को कागज के साथ हकीकत में भी उतारना जरूरी है। संतोष सिंह, बिजनेसमैन