रंग पर्व 'होली' और गोरक्षपीठ दोनों के मूल में एक ही संदेश है सामाजिक समरसता. पर्व और पीठ दोनों में अंतर्निहित इस संदेश के चलते ही गोरक्ष नगरी में होली का रंग और चटख हो जाता है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।नाथ योगियों की रंगपर्व में सक्रिय भागीदारी हर बार होली को खास बना देगी। गोरखपुराइट्स भी रंगपर्व के मौके पर सबरंग में डूब जाएंगे। होलिका दहन यानी 6 मार्च को होलिका भस्म लगाकर उल्लास व उमंग के साथ रंगोत्सव का आगाज होगा। सिटी में तिराहों पर लगे होलिका सम्मत के लिए एडीएम सिटी दफ्तर से 13 लोगों को परमिशन दी गई है। जहां पर पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।रंगभरी होली देती है सामाजिक समरसता
बता दें, होलिकोत्सव जीवन में नया रंग देती है। चूंकि गोरक्षनगरी पीठ शिवावतारी गुरु गोरक्षनाथ की है, सो यहां होली की शुरुआत उसी अंदाज में होती है। नाथ योगी पहले देवाधिदेव महादेव को प्रिय और बाबा गोरखनाथ को समर्पित भस्म की होली खेलते हैं और फिर रंगभरी होली में शामिल होकर समरसता का संदेश देते हैं। यही नहीं पीठ में भेदभाव रहित होली मिलन समारोह के जरिए होली पर्व की मूल भावना को भी संतुष्ट करते हैं। खास बात यह है वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ प्रदेश के मुखिया की जिम्मेदारी संभालते हुए भी पीठ की होली परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं।

Posted By: Inextlive