लोगों के दर्द पर लगा आई नेक्स्ट का मरहम
- हैलो हेल्थ चेकअप कैंप में उमड़े जरूरतमंद
- वार्ड नंबर 47 के सैकड़ों बीमारों का अलफलाह एकेडमी में हुआ इलाजGORAKHPUR : लगातार बढ़ती हुई महंगाई और पढ़ाई में खर्च के बढ़ते बोझ तले दबे गोरखपुराइट्स के लिए हेल्दी रहना सबसे बड़ा चैलेंज है। अगर प्रॉब्लम हुई तो मेडिकल स्टोर खरीद कर दवा खा ली। गोरखपुराइट्स के इस परमानेंट दर्द के एहसास पर कुछ मरहम लगाने के लिए आई नेक्स्ट ने 'हैलो हेल्थ' कैंपेन की शुरुआत की। इसमें जरूरतमंदों का न सिर्फ फ्री इलाज किया जा रहा है, बल्कि उनको जरूरी दवाएं मुफ्त भी दी जा रही हैं। इस सीरीज में संडे को वार्ड नंबर ब्7 चक्सा हुसैन, जमुनहिया बाग स्थित जामिया अलफलाह एकेडमी में कैंप लगाया गया, जिसमें अपनी-अपनी स्ट्रीम में महारत हासिल करने वाले डॉक्टर्स के पैनल ने सैकड़ों जरूरतमंदों का चेकअप किया। इस दौरान डॉक्टर्स ने उन्हें प्रिकॉशन के साथ ही हेल्दी रहने के टिप्स भी दिए।
बच्चों में तीन तरह की प्रॉब्लम आमसंडे को लगे इस कैंप में चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ। डीके भागवानी ने बड़ी तादाद में बच्चों का चेकअप किया। इस दौरान उनमें खून की कमी, पेट से जुड़ी प्रॉब्लम के साथ ही न्यूट्रीशन की कमी मिली। इस दौरान डॉक्टर ने उन्हें न्यूट्रीशन लेने के साथ ही साफ पानी पीने और खुद साफ रहने की सलाह दी।
कैल्शियम की कमी और एनिमिया की चपेट में फीमेल्स हेल्थ चेकअप कैंप में बड़ी तादाद में फीमेल्स आई थी। गाइनकोलॉजिस्ट सुरहिता करीम ने बताया कि फीमेल्स में काफी तरह की बीमारियां देखने को मिली। इसमें किसी को पैरों में दर्द, तो किसी की आंखों में प्रॉब्लम, किसी को रेग्युलर सिरदर्द की शिकायत थी। इन सबके पीछे कैल्शियम की कमी तो थी साथ ही उनमें से मैक्सिमम एनिमिया की चेपट में भी थी। कान और नाक को लेकर रहें थोड़ा कांशस कैंप में एक बड़ी तादाद ईयर, नोज और थ्रोट के मरीजों की भी थी। ईएनटी सर्जन डॉ। पीएन जायसवाल ने बताया कि इसमें सबसे ज्यादा कान से जुड़ी बीमारियों के पेशेंट्स थे। कान की प्रॉब्लम होने पर कई लोगों ने चाभी या किसी नुकीली चीजों से कान साफ किए, जिसकी वजह से उनके कान में जख्म हो गया। खुद न बन जाएं आई स्पेशलिस्टआंख की प्रॉब्लम से जुड़े कई लोग कैंप में दिखाने के लिए पहुंचे। आई सर्जन डॉ। कमलेश शर्मा ने बताया कि आंखों में सबसे ज्यादा प्रॉब्लम पानी आने और कम दिखाई देने की थी। सबसे बड़ी वजह कि मेडिकल स्टोर से प्रॉब्लम बताकर दवा ले लेना आंख में प्रॉब्लम होने का सबसे बड़ा रीजन है। आंख में कोई दवा अगर रिएक्शन कर जाती है, तो ऐसी कंडीशन में आंख की रोशनी भी जा सकती है, इसलिए सिर्फ स्पेशलिस्ट से ही आंखों का इलाज कराएं।
बड़ों में मोतियाबिंद की प्रॉब्लम गोरखनाथ एरिया में लगे इस कैंप में आई सर्जन के तौर पर डॉ। ए आलम भी मौजूद थे। आई से जुड़े मरीज ज्यादा होने की वजह से उन्होंने भी बड़ी तादाद में पेशेंट्स का चेकअप किया। उन्होंने बताया कि बच्चों की आंख कमजोर होने के दो बड़े रीजंस है। रेग्लयुर टेलीविजन देखने के साथ ही मोबाइल का यूज, इससे जहां तक पॉसिबल हो बचने की जरूरत है। इस दौरान बड़ों में सबसे ज्यादा मोतियाबिंद के पेशेंट्स मिले। कैल्शियम की कमी बना रही बीमार सीनियर सिटीजंस और फीमेल्स में जो सबसे ज्यादा प्रॉब्लम ऑर्थो से जुड़ी मिली। ऑर्थो सर्जन डॉ। भारतेंद्र जैन ने बताया कि दिखाने आए मरीजों में सबसे ज्यादा जोड़ों में दर्द की प्रॉब्लम थी। इसका सबसे बड़ी रीजन कैल्शियम की कमी है। इससे बचने के लिए जहां तक पॉसिबल हो दूध से बनी चीजों का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और दर्द न हो इसके लिए रेग्युलर एक्सरसाइज भी करें। सबसे ज्यादा मिले पायरिया के मरीजडेंटिस्ट के तौर पर कैंप में डॉ। गिरीश चंद द्विवेदी मौजूद थे। चेकअप के बाद उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों में सबसे ज्यादा कैविटी की प्रॉब्लम पाई गई, वहीं छोटे से बड़े तक में मैक्सिमम पेशेंट्स पायरिया के मिले। इसकी सबसे अहम वजह दांतों की प्रॉपर सफाई न करना है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि दो बार दांतों की सफाई की जाए, साथ ही जहां तक पॉसिबल हो कुछ खाने के फौरन बाद कुल्ला भी कर लिया जाए।
एलर्जी और सांस की प्रॉब्लम आम फिजिशियन डॉ। आलोक पांडेय ने बताया कि चेकअप कराने आए पेशेंट्स में सबसे ज्यादा दो तरह की प्रॉब्लम मिली। इसमें जहां एलर्जी की प्रॉब्लम आम दिखी, वहीं कई लोगों को सांस की भी दिक्कत थी। एलर्जी की सबसे बड़ी वजह जहां मौसम का अनइवेन चेंज है, वहीं सांस से जुड़ी प्रॉब्लम्स धूल की वजह से हुई है। पेट दर्द और वायरल के पेशेंट भी मिलेबेसिक और जनरल प्रॉब्लम से जूझ रहे पेशेंट्स की तादाद काफी ज्यादा थी। इसकी वजह से दो फिजिशियंस ने जिम्मेदारी निभाई। डॉ। जेपी नारायण ने बताया कि कई मरीज पेट से जुड़ी प्रॉब्लम और गैस्ट्राइटिस से जूझ रहे थे, वहीं वायरल मरीजों की तादाद भी काफी ज्यादा थी। पेट की प्रॉब्लम से बचने के लिए पानी का खास ध्यान रखें। जहां तक पॉसिबल हो फिल्टर और गर्म किए पानी का ही यूज करें।
इनका रहा सहयोग स्टार हॉस्पिटल, विन्ध्यवासिनी नगर, बैंक रोड सिंघानिया क्लासेज, खोआमंडी गली, गोलघर प्रगति शिक्षण एंव ग्रामीण विकास संस्थान फरहा हुदा, पार्षद, वार्ड नंबर ब्7 आई नेक्स्ट की यह अच्छी पहल है, इससे जरूरतमंद लोगों को काफी फायदा मिलेगा। - एहतेराम हुसैन, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड ब्7 इस एरिया में काफी लोग ऐसे हैं, जो डेली वेजेज पर वर्क करते हैं। आई नेक्स्ट ने यह कैंप लगाकर उनकी काफी हेल्प की है। - मोहम्मद नोमान काफी कैंप लगते रहते हैं, लेकिन सबमें एक दो एक्सपर्ट डॉक्टर ही दिखाई देते हैं। इसमें सभी तरह के डॉक्टर्स थे। काफी अच्छी पहल है। - जेबा परवीन, पेशेंट इलाज के साथ काफी दवाएं भी बांटी गई हैं। यह आई नेक्स्ट की काफी अच्छी पहल है। आगे भी ऐसे कैंप लगाए जाएं। - अफरोज अहमद, पेशेंट