Gorakhpur News : जून में 14 दिन चलीं हीट वेव, गोरखपुर में हाई अलर्ट
गोरखपुर (ब्यूरो)।जिला अस्पताल हो या फिर प्राइवेट हास्पिटल, लू से परेशान लोग एडमिट तक होने लगे हैैं। बता दें, बलिया में हीट वेव से हुई हुई मौत और अव्यवस्था को लेकर जहां शासन स्तर से बड़ी कार्रवाई की गई है। वहीं, पूरे प्रदेश में में हाई अलर्ट जारी किया गया है। इसको लेकर जिला प्रशासन और हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से हीट वेव व गर्मी के प्रभावों से प्रबंधन के लिए ट्रेनिंग दी गई है। लाइव लोकेशन के जरिए डॉक्टर्स की मानिटरिंग
सीएमओ डॉ। आशुतोष कुमार दुबे ने बताया कि गोरखपुर में हीट वेव से मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उनके इलाज के लिए जिला अस्पताल, महिला अस्पताल समेत सभी सीएचसी-पीएचसी पर बेड उपलब्ध हैैं। सभी मेडिकल आफिसर को निर्देशित किया जा चुका है कि लू की चपेट में आने वाले मरीजों को तत्काल प्रभाव से एडमिट किया जाए। इसे लेकर वाट्सएप ग्रुप में लाइव लोकेशन भी ली जा रही है। लू के लक्षण - शरीर का तापमान बढऩा एवं पसीना न आना। - सिरदर्द होना या सर का भारीपन महसूस होना। - त्वचा का सूखा एवं लाल होना। - उल्टी होना।- बेहोश हो जाना। - मांसपेशियों में ऐंठन। लू का प्राथमिक उपचार - व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं।
- एम्बुलेंस को फोन करें एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं।- अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं। - जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें। - पंखे से शरीर पर हवा डालें। - शरीर के उपर पानी से स्प्रे करें। - व्यक्ति को पैर उपर रखकर सुला दें। - गीले कपड़े से या स्पंज रखें।क्या करें, क्या न करें - अधिक परिश्रम के बीच रेस्ट जरूर करें। - चाय, काफी एवं शराब न पीएं। - प्यास की इच्छा न होने पर भी पानी पीएं।- अधिक गर्मी में व्यायाम न करें। - शरीर अधिक गर्म लगने पर स्नान करें। - अधिक धूप में बाहर न जाएं और पंखे के नीचे बैठें।- ठंडक प्रदान करने वाले फल खाएं। - हल्के, सफेद रंग के और ढीले कपड़े पहनें। - छाया में बैठें। - बुजुर्गो व बच्चों का विशेष ध्यान रखें।
लू की चपेट में लोग आ रहे हैैं। इसलिए जरूरी काम न हो तो घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें। अगर कहीं से कोई इसकी चपेट में आता है तो तुरंत अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। इसके गाइडलाइन को फॉलो जरुर करें। दोपहर 12 से 3 बजे तक घर से बिल्कुल न निकलें।- उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।
राजेश कुमार सिंह, एडीएम एफआरहीट इग्जॉस्चन के लक्षण - अत्यधिक प्यास - शरीर का तापमान बढ़ा हुआ (100.4 फॉरेनहाइट से 104 फारेनहाइट)- मांसपेशियों में ऐंठन - जी मिचलाना, उल्टी होना - सिर का भारीपन-सिरदर्द - रक्तचाप का काम होना - चक्कर आना - भ्रांति, उलझन में होना - अल्पमूत्रता-पेशाब का कम आना - अधिक पसीना एवं चिपचिपी त्वचा हीट स्ट्रोक के लक्षण - शरीर का तापमान बढ़ा हुआ (104 फारेनहाइट)- पसीना आना बंद होना, पसीने के गं्रथि का निष्क्रिय होना - मांसपेशियों में ऐंठन, चिपचिपी त्वचा - त्वचा एवं शरीर का लाल होना - जी मचलाना, उल्टी होना, चक्कर आना - सिर का भारीपन, सिरदर्द, चक्कर आना - भ्रांति, उलझन में होना - अल्पमूत्रता, पेशाब का कम आना - मानसिक असंतुलन - सांस की समस्या, श्वसन प्रक्रिया तथा धड़कन तेज होना क्या करें क्या न करें - धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं पालतू जानवरों को न छोड़े- खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें। जिससे हवा का आना जाना बना रहें। - नशीले पदार्थ, शराब तथा एल्कोहल के सेवन से बचें
- खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते आदि से ढक कर रखें। ताकि बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोका जा सकें। - उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैैं, काले पर्दे लगाकर रखना चाहिए। - स्थानीय मौसम के पूर्वनुमान को सुने और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें। - बच्चों व पालतू जानवरों को कभी भी बंद वाहन में अकेला न छोड़ें - जहां तक संभव हो घर में ही रहें तथा सूर्य के संपर्क से बचें - सूर्य के ताप से बचने के लिए जहां तक संभवन हो घर की निचली मंजिल पर रहें। - संतुुलित, हल्का व नियमित भोजन करें। - घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढक कर रखें।