अब आर्थोस्कोपिक सर्जरी का जमाना आ गया है. घुटना कंधा जोड़ कूल्हा कोहनी व कलाई के ऑपरेशन में ऑर्थोस्कोपिक सर्जरी सबसे सफल है. इसमें कैमरे से मांसपेशियां 40 गुना बड़े आकार में दिखती हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इसे की-होल सर्जरी कहते हैं। यह कहना है आर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ। आशीष कुमार का। वह यूपी आर्थोकॉन में बतौर मुख्य वक्ता अपनी बातें रख रहे थे। तीन दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के करीब 500 हड्डी रोग विशेषज्ञ शिरकत कर रहे हैं। सड़क हादसों में बदल गया है पैटर्न ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ। संतोष सिंह ने बताया कि तेज रफ्तार की बाइकों ने उन्हें अब हादसों के पैटर्न को बदल दिया है। सड़क हादसे में ज्यादातर घायलों की एक से अधिक हड्डियां टूटी मिल रही है। कुछ मामलों में तो एक ही हड्डी कई जगह से टूटी मिल रही है। कई टुकड़ों में बंटी हड्डियों को जोडऩा डॉक्टरों के लिए ज्यादा चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। इसको देखते हुए प्रदेश के करीब 90 हजार पुलिसकर्मियों को प्राथमिक चिकित्सा की ट्रेनिंग दी गई।30 साल तक खूब करें एक्सरसाइज


हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ। संजय त्रिपाठी ने बताया कि हड्डी को मजबूत रखने के लिए 30 साल तक की उम्र तक कसरत जरूर करना चाहिए। इसकी शुरुआत बचपन से ही होनी चाहिए। रोजाना कम से कम एक घंटे खेल के मैदान में पसीना बहाना चाहिए। इससे बोन बैंक में कैल्शियम की बांडिंग बढ़ेगी। 30 वर्ष की अवस्था के बाद कैल्शियम की बॉन्डिंग कमजोर होने लगती है। जो लोग बचपन में नहीं खेलते उन्हें बाद में हड्डियों की कमजोरी का सामना करना पड़ता है।अब होगा आंशिक घुटना प्रत्यारोपणदिल्ली एम्स के हड्डी रोग विभाग के पूर्व एचओडी डॉ। जे महेश्वरी ने बताया कि गठिया के मरीजों को अब घुटना पूरा बदलवाने की जरूरत नहीं है। गठिया के 60 परसेंट से अधिक मरीजों में घुटने का आंतरिक कार्टिलेज ही खराब होता है। इसे छोटी सी सर्जरी से बदला जा सकता है। इसे आंशिक घुटना प्रत्यारोपण कहते हैं। खास बात यह है कि इसके सफलता की दर 90 फीसदी तक है। इसमें घुटना के भविष्य में खराब होने पर पूर्ण प्रत्यारोपण की संभावना बनी रहती है। सामान्य स्थिति में आंशिक प्रत्यारोपण 20 साल तक चल सकता है।ऐसे बहुत सारे पेशेंट््स घुटने की प्रॉब्लम झेल रहे हैं। उनका पूरा घुटना बदलने के बजाए आधा घुटना भी बदला जाता है। जिसे हम पार्शियल नी रिप्लेसमेंट कहते हैं। इसमें हम छोटे चीरे से घुटने के अंदर का खराब हिस्सा बदल देते हैं। पेशेंट का पूरा बदलने के मुकाबले पार्सियल नी रिप्लेसमेंट में ब्लड का रिसाव कम होता है। छोटे चीरे से हो जाता है और पेशेंट को दर्द कम होता है। डॉ। जे महेश्वरी

हड्डी मजबूत करने के लिए मौसमी फल का सेवन करें। साथ ही यंग जनरेशन को नियमित व्यायाम करना जरूरी है, क्योंकि बोन में 30 साल तक कैल्शियम जमा होती है। साथ ही सभी को 11 बजे से 2 बजे के बीच धूप में आधे घंटे के लिए बैठना चाहिए। इससे हड्डियां मजबूत होती हैं। - डॉ। एसके त्रिपाठी, आर्थो सर्जन

Posted By: Inextlive