दवा बेचने का था काम, करने लगा इलाज
- हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम ने मारा छापा, न डॉक्टर की डिग्री, न ही मिला क्लीनिक का लाइसेंस
- भटहट में दवा दुकान के नाम पर चल रही थी फर्जी क्लीनिक, इलाज कर रहा था झोलाछाप डॉक्टर GORAKHPUR: जिले में बिना डिग्री वाले डॉक्टर और बिना लाइसेंस वाले क्लीनिक की भरमार है। हेल्थ डिपार्टमेंट की टीम जैसे-जैसे छापेमारी कर रही है, वैसे-वैसे नए मामले सामने आ रहे हैं। गुरुवार को टीम ने बेलघाट में छापा मारा। वहां एक मेडिकल स्टोर चलाने वाला दुकानदार ही डॉक्टर के रूप में पेशेंट देखता मिला। जांच में उसके पास दवा दुकान का लाइसेंस तो मिला लेकिन न तो डॉक्टर की डिग्री और न ही क्लीनिक का लाइसेंस मिला। इसके बाद टीम ने मौके पर मिले उपकरण सीज कर लिया। उस पर केस दर्ज कराने की तैयारी चल रही है। दवा दुकान के नाम पर क्लीनिकसीएमओ के निर्देश पर एडिशनल सीएमओ डॉ। एसके पांडेय के नेतृत्व में गुरुवार को टीम ने बेलघाट स्थित मानस मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। वहां पर सात पेशेंट्स अपना इलाज कराते मिले। उनसे बातचीत कर जांच टीम सबूत जुटाने में लग गई। जैसे ही यह बात पता चली, वहां इलाज करने में लगे लोग फरार हो गए। मेडिकल स्टोर वाले से डिग्री आदि मांगी गई तो वह कुछ न दे पाया। टीम को मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लीनिक चलाने के साक्ष्य मिले। टीम ने सीएमओ को रिपोर्ट दे दी है। अब झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ केस दर्ज करने की तैयारी चल रही है। जांच टीम में शोध अधिकारी सुधांशु श्रीवास्तव, हेल्थ सुपरवाइजर केके श्रीवास्तव आदि शामिल रहे।
वर्जन मानव जीवन से खिलवाड़ करने वाले फेक डॉक्टर्स को बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - डॉ। रविंद्र कुमार, सीएमओ