जेल में भी अंशू ने बनाई गहरी पैठ
- एक माह से एक्टिव होकर कर रहा था काम
- मदद के लिए नेताओं के संपर्क में भी आया शातिर GORAKHPUR : भोपाल शूटआउट का वांटेड अंशू उर्फ सुमित पुलिस के राडार पर रहेगा। अंशू के अरेस्ट होने की सूचना से गोरखपुर सहित कई जिलों के बदमाशों में खलबली मची है। बदमाशों को फ्रिक है कि कहीं एसटीएफ उनकी गर्दन भी न नाप दे। फिलहाल, पुलिस अंशू के साथ जुड़े लोगों की तलाश में जुट गई है। रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी अन्य जिलों की पुलिसथर्सडे नाइट गोरखनाथ एरिया के राजेंद्र नगर क्0 नंबर बोरिंग में अंशू को एसटीएफ ने दबोचा। पुलिसवालों पर गोलियां चलाकर उसने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस टीम ने घेराबंदी करके उसको दबोच लिया। उसके पास से नाइन एमएम की पिस्टल, कारतूस और तमंचा बरामद हुआ। एटीएम कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार सहित कई दस्तावेज भी बरामद हुए। सीएमओ मर्डर, गोरखपुर के पार्षद फैजी हत्याकांड, सीतापुर में रंगदारी मांगने, जीआरपी कांस्टेबल को नशीली गोलियां खिलाकर भागने, भोपाल में एसआई और कांस्टेबल पर हमले के आरोपी अंशू ने कई राज खोले। लखनऊ, सीतापुर सहित कई जिलों की पुलिस अंशू को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।
गोरखपुर जेल में बंद बदमाशों से कर रहा था सांठगांठअंशू की गिरफ्तारी के बाद एक एक करके राज खुल रहे हैं। गोरखपुर और आसपास के एरिया में अपना नेटवर्क खड़ा करने के लिए अंशू काफी मेहनत कर रहा था। गोरखपुर जेल में बंद बदमाशों से भी उसने कई बार संपर्क किया। पुलिस सूत्रों की मानें तो वह कई बार बदमाशों से मिलने जेल गया। इसके साथ ही उसने गोरखपुर में कुछ प्रभावशाली नेताओं से संपर्क साधा। उनसे मदद के बदले मदद की बात करके वह यहां पर तमाम लोगों को अपने साथ जोड़ना चाहता था। गोरखपुर के नामचीन बदमाशों से मिलकर वह अपने को मजबूत करने की कोशिश में लगा था।
अंशू के संबंध में जांच पड़ताल की जा रही है। यहां पर वह किसके संपर्क में रहा। इसका पता लगाया जा रहा है। विकास चंद त्रिपाठी, सीओ, एसटीएफ यूनिट गोरखपुर