नियम केवल कागजों में, नहीं दिखते जीएसटी नम्बर
-दुकानों के सामने नहीं लगा है जीएसटी नम्बर
-जीएसटी एक्ट के तहत जीएसटी नम्बर लगाना अनिवार्य-जांच में नहीं मिलने पर लग सकता है 25 हजार तक जुर्मानाकस्टमर्स को हो रही परेशानीव्यापारियों की पहचान स्पष्ट करने के लिए नियम बनाया गया था कि सभी व्यापारिक संस्थाएं व फर्मो को अपना जीएसटी नम्बर साफ-साफ लिखना होगा। लेकिन शहर के अधिकतर व्यापारिक संस्थाएं इसका पालन नहीं कर रही हैं। जिससे कस्टमर्स के लिए यह जानना बहुत मुश्किल हो गया है कि उनसे जीएसटी वसूल करने वाला दुकानदार खुद रजिस्टर्ड है या नहीं।
व्यापारियों के लिए भी सुविधाजनक
दुकान पर जीएसटी नम्बर लिखा होने से व्यापारियों को भी राहत मिलेगा। अधिकारियों को निरीक्षण में दुकान के कागजात की जांच करनी पड़ती है। बाहर ही नम्बर लिखा होने से जांच की प्रक्रिया में अधिकारियों व दुकानदारों दोनों का समय नुकसान नहीं होगा। लेकिन इसके बावजूद व्यापारी इस नियम को गम्भीरता से नहीं ले रहे हैं। हालांकि व्यापारी यह शंका भी जाहिर कर रहे हैं कि जीएसटी नम्बर सार्वजनिक करने से उसका फर्जी बिल बुक तैयार कर उसका दुरुपयोग किया जा सकता है।
जुर्माने का है प्रावधान
जीएसटी नम्बर सार्वजनिक नहीं करने पर संबंधित व्यापारी पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके तहत 5 से लेकर 25 हजार तक के जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन अभी तक जीएसटी एक्ट लागू होने के बाद से किसी व्यापारी पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। एक अधिकारी ने बताया कि व्यापारी पहले ही यह आरोप लगाते रहे हैं कि विभाग के अधिकारी उन्हें परेशान करते हैं। जीएसटी नम्बर की जांच करने पर इन अफवाहों को बल मिलेगा।
जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड सभी संस्थाओं के लिए नम्बर सार्वजनिक करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
विजय कुमार एडीशनल कमिश्नर ग्रेड-1 सार्वजनिक करने में कोई परेशानी नहीं
व्यापारियों को जीएसटी नम्बर सार्वजनिक करने में कोई परेशानी नहीं है क्योंकि यह नियम उन्हीं के हित में है। जिन लोगों ने नहीं लिखा है वह भी जल्द ही नम्बर लिखवा लेंगे।
संजय सिंघानियां, अध्यक्ष चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स