-प्रमुख सचिव के इंस्पेक्शन में नकल करती मिली पांच छात्राएं, कुशीनगर के एक सेंटर पर सामूहिक नकल

-गोरखपुर में सेंटर हुआ डिबार, दोबारा होगा एग्जाम, केंद्र निरीक्षक के खिलाफ दर्ज होगी एफआईआर

-दो माह पहले किया वादा पूरा करने आए प्रमुख सचिव उद्यम डॉ। एसपी सिंह ने किया बोर्ड सेंटर्स का इंस्पेक्शन

GORAKHPUR: यूपी बोर्ड एग्जाम नकल विहीन हो रहे हैं। सरकार और शिक्षा विभाग के ऐसे सारे दावों की पोल तब खुल गई, जब एक प्राइवेट संस्था के संरक्षक बन कर प्रमुख सचिव उद्यम डॉ। एसपी सिंह गोरखपुर पहुंचे। उन्होंने गोरखपुर के म् और गोरखपुर-कुशीनगर बॉर्डर स्थित एक स्कूल का औचक निरीक्षण किया। एक स्कूल में जहां कक्ष निरीक्षक बोल-बोल कर नकल करा रहा था तो कुशीनगर के सेंटर में सामूहिक नकल करते स्टूडेंट्स मिले। उक्त मामले में कार्रवाई करते हुए गोरखपुर के जिला विद्यालय निरीक्षक ने सेंटर को डिबार करने के साथ एग्जाम दोबारा कराने का निर्देश दिया। साथ ही केंद्र व्यवस्थापक को कक्ष निरीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का भी निर्देश दिया। दूसरे विभाग के प्रमुख सचिव डॉ। एसपी सिंह ने कहा कि वे प्रदेश का फ्यूचर सुधारना चाहते हैं। इसके लिए नकल विहीन एग्जाम कराना जरूरी है।

कम हुई मगर रुकी नहीं है नकल माफिया की हुकूमत

शासन की मंशा के अनुरूप नकलविहीन एग्जाम कराने के लिए एक प्राइवेट संस्था वास्ट-वोलंटरी एक्शन फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन भी प्रयास कर रही है। संस्था के संरक्षक प्रमुख सचिव उद्यम डॉ। एसपी सिंह हैं। शहर आए डॉ। सिंह ने बताया कि दो माह पहले वे प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा थे। तब एग्जाम को नकलविहीन कराने का जिम्मा उठाया था और कहा था कि वे नकल होने वाले जिलों में इंस्पेक्शन करेंगे। विभाग चेंज होने के बावजूद उन्होंने नकलविहीन एग्जाम कराने के लिए इस संस्था के तहत प्रदेश के फ्म् जिलों को सेलेक्ट किया, जिसमें गोरखपुर भी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नकल माफियाओं का राज कम हुआ है, मगर खत्म नहीं हुआ है। अभी भी अधिकांश सेंटर पर नकल हो रही है। बल्कि उनकी मर्जी से सेंटर भी डिसाइड हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में एग्जाम के लिए क्97 सेंटर की जरूरत थी, मगर ख्ख्9 सेंटर बनाए गए।

सेंटर डिबार, बोल कर हो रही थी नकल

जिला विद्यालय निरीक्षक एएन मौर्य और उनकी टीम के साथ प्रमुख सचिव उद्यम और संस्था के संरक्षक डॉ। एसपी सिंह ने जिले के म् बोर्ड सेंटर का निरीक्षण किया। पांच सेंटर में व्यवस्था सही थी। मगर जैसे ही टीम पटेल स्मारक इंटर कॉलेज, भटहट पहुंचे, वहां हकीकत सामने आ गई। हाईस्कूल में संस्कृत का पेपर चल रहा था। कक्ष संख्या ब् (क) में पांच ग‌र्ल्स एग्जाम दे रही थी। टीम ने जब चेक किया तो पता चला कि सभी कॉपी में सेम अनसर लिखा है। पूछने पर पता चला कि एक लड़की की कॉपी देख केंद्र निरीक्षक बोल-बोल कर बाकी ब् स्टूडेंट को नकल करा रहा था। यह पता चलते ही डीआईओएस ने तुरंत सेंटर को डिबार कर दिया। साथ ही उक्त सेंटर पर संस्कृत का एग्जाम दोबारा कराने का निर्देश दिया। उन्होंने केंद्र व्यवस्थापक श्रीनिकेतन शाही को केंद्र निरीक्षक नजरूर इस्लाम पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया। साथ ही उनकी ड्यूटी तुरंत खत्म कर दी।

यहां तो विभाग करा रहा था नकल

गोरखपुर में इंस्पेक्शन करने के बाद डॉ। सिंह कुशीनगर के परतावल स्थित जनता इंटर कॉलेज पहुंचे। जहां कक्ष संख्या 7 और 8 में सामूहिक नकल चल रही थी। इन कक्ष में उसी कॉलेज की स्टूडेंट्स पेपर दे रही थी। क्लास में क्ख्फ् प्रजेंट थे और महज क्ख् अबसेंट थे। इस मामले से तुरंत डीआईओएस को अवगत कराया। सबसे बड़ी कमी विभाग की थी। उक्त सेंटर पर एक भी अधिकारी, मजिस्ट्रेट या किसी फ्लाइंग स्क्वॉयड ने निरीक्षण नहीं किया। डॉ। सिंह ने कहा कि अब नकल किताब या पर्ची से नहीं हो रही है। अब बोल कर नकल कराई जा रही है, जिसे पकड़ना मुश्किल है।

Posted By: Inextlive