जूते दो, चेक ले लो
फोटो सहित: सालियों के चेक देते कमांडेंट प्रभाकर
आई स्पेशल -टेक्नोलॉजी की मदद से असिस्टेंट कंमाडेंट ने निभाई रस्म -कैशलेस को प्रमोट करने के लिए सालियों को दिया चेक arun.kumar@inext.co.in GORAKHPUR: शादी के सीजन में टेक्नालॉजी के सहारे परंपरा निभाकर एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट ने खूब वाहवाही बटोरी। जूता चुराई की रस्म निभाने पर सालियों को जीजा ने चेक देकर कैशलेस पेमेंट का संदेश दिया और लोगों को कैशलेस के लिए प्रोत्साहित किया। उनका कहना है कि अपनी समस्याओं को अपने आप सुलझाना चाहिए। जेब थी खाली, सांसत में पड़े दूल्हे राजादेवरिया जिले के न्यू कॉलोनी निवासी प्रभाकर चतुर्वेदी एसएसबी में असिस्टेंट कमांडेंट हैं। बिहार के गया जिले में तैनात प्रभाकर की शादी एकला बाजार निवासी सिद्धी मिश्रा से तय थी। एक दिसंबर को शहर के पादरी बाजार मोहल्ले में स्थित एक मैरेज हाल में शादी हुई। सात जन्मों के बंधन में बंधने के बाद पारंपरिक रस्मों की अदायगी की शुरुआत हुई। नए-नवेले जीजा का जूता चुराकर सालियों ने नकदी मांगना शुरू कर दिया। जेब में पैसे न होने से कुछ देर तक प्रभाकर संकोच में पड़ गए। फिर कुछ देर बाद ही प्रभाकर ने जूते छुड़ाने का उपाय खोज लिया। उन्होंने चेक बुक साइन कर सालियों के पास बंधक बने जूते छुड़ा लिए। प्रभाकर की चतुराई से सालियां ही नहीं, मंडप में मौजूद रह कोई दंग रह गया। तब मुस्कुराते हुए प्रभाकर ने कहा कि बैलेंस की प्रॉब्लम तो सबको है। इसलिए सबको इसका उपाय तलाशना होगा। सभी लोग इसके प्रति जागरूक हो जाए तो समस्या कुछ ही दिनों में खत्म हो जाएगी।
मुंह दिखाई, माड़ो हिलाई पर था संकट सेना के असिस्टेंट कमांडेंट ने सबकी समस्याओं के समाधान की राह सुझा दी। बारात लौटने पर समधी बने लोगों की विदाई होती है। पूर्वाचल में माड़ो हिलाई की परंपरा चली आ रही है। माड़ो हिलाने वाले पांच समधियों को उपहार देने की समस्या का समाधान भी प्रभाकर ने कर दिया। माड़ो हिलाई के साथ-साथ परिवार की महिलाओं को दुल्हन की मुंह दिखाई का इंतजाम बना लिया। वर्जन किसी समस्या को लेकर ढिढोंरा पीटने से उसका समाधान नहीं होता है। अपनी समस्याओं को खुद से सुलझाना सबको आना चाहिए। अब जब कैशलेस होने की बात हो रही है तो सबको इसकी आदत डालनी चाहिए। प्रभाकर चतुर्वेदी, असिस्टेंट कमांडेंट, एसएसबी