Gorakhpur News : थोक में राहत, फुटकर में हरी सब्जियां महंगी, मनमाने दाम बेच रहे सब्जी विक्रेता
गोरखपुर (ब्यूरो)।थोक मंडी में सोमवार को भी हरी सब्जियों की भरपूर आवक रही। स्थानीय व बाहरी मिलकर सब्जियों की 50 से अधिक गाडिय़ां पहुंचीं, जिन्हें खड़ी करने के लिए जगह तक कम पड़ गई। इसमें सिर्फ गोभी व मटर की 10-10 गाडिय़ां थीं। गोरखपुर फल-सब्जी विक्रेता एसोसिएशन के अध्यक्ष अवध कुमार गुप्ता ने बताया, थोक मंडी में आवक अधिक होने से सब्जियों का मूल्य कम है, लेकिन फुटकर में थोक के मुकाबले दोगुने से भी अधिक कीमत पर सब्जियां बेची जा रही हैं। फुटकर विक्रेता मंडी से 50 रुपए पसेरी बैंगन और 15 रुपए किलो की दर से खीरा खरीदकर दोगुने भाव पर बेच रहे हैं। यहीं हाल अन्य सब्जियों का भी है। आए दिन भाव को लेकर कस्टमर्स व विक्रेताओं में झड़प भी हो रही है। बावजूद इसके सब्जी विक्रेता मनमाने दर पर सब्जियां बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं। किचन का बिगड़ा जायका
इस समय टमाटर व प्याज के बाद महंगी सब्जियों से किचन का जायका बिगड़ रहा है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की थाली से अधिकांश सब्जियां गायब ही हो गई हैं। इसकी प्रमुख वजह फुटकर विक्रेता हैं। सख्त नहीं प्रशासन
इस महंगाई से निपटने को प्रशासन कोई सख्ती नहीं बरत रहा है। अगर सब्जियों के थोक और फुटकर दामों पर नजर दौड़ाई जाए, तो इसका सीधा संबंध विक्रेताओं से है, जो अपनी मनमर्जी से दाम घटाते-बढ़ाते हैं। सब्जी व्यापारी विजय कुशवाहा ने बताया कि बाजार में हरी मटर आए लगभग एक माह हो गए, लेकिन अभी भी फुटकर में जितनी सस्ती मिलनी चाहिए, नहीं मिल रही है। इसी तरह कुछ अन्य सब्जियों की भी स्थिति है। थोक व फुटकर में सब्जियों की कीमत सब्जी थोक फुटकर टमाटर 30-40 50-60मटर 20-30 50-60 गोभी 10-15 25-40नया आलू सफेद 15-18 25-30पुराना आलू 10-12 18-20भिंडी 15-20 30-40करेला 15-20 40-50
बैंगन 10-15 25-30नेनुआ 20-25 35-40परवल 20-40 50-60 पालक 20-25 30 लौकी 08-12 25-30हरी मिर्च 10-15 60खीरा 10-15 30-40 (नोट: सभी सब्जियों के दाम रुपए प्रति किलोग्राम में हैं.)फुटकर में सब्जियां महंगी बिक रही हैं। जबकि थोक में सस्ती हैं। प्रशासन को चाहिए कि कीमतों पर कंट्रोल करें। सुचिता त्रिपाठी, कस्टमर प्याज और टमाटर की कीमतें आज भी कम नहीं है। इसके चलते किचन का जायका बिगड़ रहा है। अन्य सब्जियां भी फुटकर में महंगी हैं, जिसका असर पब्लिक की जेब पर पड़ रहा है।
मुन्नी देवी सिंह, कस्टमर थोक मूल्य की तुलना में फुटकर मंडियों में मनमाने तरीके से दर निर्धारित नहीं होना चाहिए। स्थानीय मंडियों की दरें भी लोगों की सुविधा को ध्यान में रखकर होनी चाहिए। यदि थोक की तुलना में कई गुणा अधिक दर पर फुटकर मंडी में सब्जी आदि की बिक्री करते पाया गया तो कार्रवाई होगी। मंगलेश दुबे, सिटी मजिस्ट्रेट