- खोराबार में हुई घटना से सबक लेते हुए कुछ प्रधानों ने लिया इनिशिएटिव

- बाहर से कमाने जाने वालों को एड्स के प्रति करेंगे जागरूक

- विदेश जाने वालों का कराएंगे एचआईवी टेस्ट

GORAKHPUR: खोराबार ब्लॉक के एक गांव में कुछ दिन पहले एक एड्स पीडि़त की मौत हो गई। उसकी बेबसी, बेचारगी देख गांव और क्षेत्र के लोगों के साथ कुछ ग्राम प्रधानों ने पहल की है। इसके लिए उन्होंने इस बीमारी के प्रति लोगों को जागरुक करने का बीड़ा उठाया है। उनका कहना है कि वे अपने गांव की महिलाओं और पुरुषों को इसके प्रति जागरुक करेंगे, जिससे लोगों को इस बीमारी के प्रकोप से निजात मिल सके। उनका कहना है कि बाहर काम करने वाले पुरुष गांव आने से पहले एचआईवी जांच जरूर करा लें।

दूसरे राज्य में करता था नौकरी

खोराबार में रहने वाला एड्स पीडि़त दूसरे राज्य में जाकर नौकरी करता था। उसका स्वास्थ्य खराब हुआ तो शुरुआती दिनों में डॉक्टर्स ने उसका एचआईवी टेस्ट नहीं कराया। जब तक उसे पता चला, तब तक काफी देर हो चुकी थी और उसकी बीमारी फाइनल स्टेज में चली गई थी। इस दौरान उनकी पत्‍‌नी भी एचआईवी से संक्रमित हो गई। वह अपने पीछे तीन मासूम बच्चों को छोड़ गया। उसकी पत्‍‌नी की उम्र भी काफी कम है। उसके पास रहने के लिए मात्र एक झोपड़ी है और अंत्योदय से जो राशन मिलाता है। उसी से उसके बच्चों का पेट पलता है।

परदेश से आ रही बीमारी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर के डॉ। संजय राय ने बताया कि एड्स के फैलने का सबसे बड़ा कारण बाहर कमाने गए लोगों का संबंध बनाना है। अक्सर इस बीमारी के लक्षण काफी दिनों बाद समझ में आते हैं। इस दौरान मरीज अनजाने में अपनी के अलावा कई लोगों के संपर्क में आ जाता है, जिससे बीमारी बड़ा रूप ले रही है।

गोला में सबसे अधिक मरीज

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के एआरटी सेंटर में अब तक 15600 एचआईवी पॉजिटिव पेशेंट्स रजिस्टर्ड हुए हैं। जिसमें करीब 5500 पेशेंट्स का इलाज चल रहा है। गोला ब्लॉक से सबसे अधिक एड्स के पेशेंट चिन्हित हुए हैं। एआरटी सेंटर के सूत्रों का कहना है कि जो आंकड़े मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध हैं, उससे कही ज्यादा पेशेंट जिले में मौजूद हैं। एक पेशेंट से काउंसलिंग के दौरान हुई बातचीत का ब्योरा देते हुए बताया कि उसका पत्‍‌नी के अलावा पांच महिलाओं से संबंध हुआ है, लेकिन वे जांच कराने के लिए तैयार नहीं हो रही।

2015 अप्रैल 38

मई 95

जून 103

जुलाई 78

अगस्त 36

सितंबर 50

अक्टूबर 126

नवंबर 78

दिसंबर 87

2016 जनवरी 60

फरवरी 70

एड्स की बीमारी तेजी से गांवों में फैल रही है। मैं अक्सर इसको लेकर गांवों के युवाओं और कमाने जाने वाले लोगों को जागरुक करता रहता हूं।

जोगिंदर यादव, ग्राम प्रधान, महुआपार, बड़हलगंज ब्लॉक

जिले में एड्स ने कई परिवारों को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। इस बीमारी के होने और फैलने के कारणों तथा लक्षणों के बारें में अपने गांव के एक-एक व्यक्ति को बताउंगा।

दिलीप सैनी, ग्राम प्रधान घघसरा

एड्स धीरे बड़ा रूप लेता जा रहा है। जब तक इसको लेकर प्रत्येक नागरिक जागरुक नहीं होगा। तब तक इसको रोक पाना मुश्किल है। मैं अपने गांव में लोगों को खुद जागरुक कराने के अलावा जरूरत पड़ी तो जिला स्तर के विशेषज्ञों को बुलाकर कार्यशाला कराउंगा।

अजय यादव, ग्राम प्रधान भप्सा

ग्राम प्रधान सहयोग करें तो प्रत्येक रविवार को गांवों में कैंप कर लोगों को एड्स के प्रति जागरुक करने का काम एआरटी सेंटर की टीम करेगी। गांवों में कीट लेकर एड्स की जांच भी कराई जा सकती है।

डॉ। संजय राय, एआरटी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive