'गुणवत्तायुक्त शिक्षा का प्रतिमान है एमपीपीजी'
- जंगल धूसड़ स्थित एमपीपीजी कॉलेज में यूपी गवर्नर ने योगिराज बाबा गंभीरनाथ सेवाश्रम का किया लोकार्पण
- लोकार्पण के बाद गोरखनाथ मंदिर में शुरू हुए दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को किया संबोधित GORAKHPUR: गोरक्षपीठ आस्था का प्रमुख केंद्र है। अपने सामाजिक-राष्ट्रीय अभियानों एवं सेवा प्रकल्पों के कारण गोरक्षपीठ की देश भर में प्रतिष्ठा है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में गोरक्षपीठ की भूमिका अद्वितीय है। जंगल धूसड़ गांव में महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज की स्थापना एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा का प्रतिमान खड़ा कर रहा है। वहीं योगिराज बाबा गंभीरनाथ सेवाश्रम के रूप में आज लोकार्पित हो रहे छात्रावास से जंगल में मंगल की कहावत चरितार्थ हो रही है। उक्त बातें यूपी गवर्नर राम नाईक ने कही। सिद्ध योगी थे बाबा गंभीरनाथजंगल धूसड़ स्थित एमपीपीजी कॉलेज में सुबह 8.45 बजे योगिराज बाबा गंभीरनाथ सेवाश्रम का लोकापर्ण समारोह का आयोजन किया गया। जिसके चीफ गेस्ट यूपी गवर्नर रामनाईक रहे। वहीं समारोह की अध्यक्षता कर रहे गोरक्षपीठाधीश्वर मंहत योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योगिराज बाबा गंभीरनाथ एक सिद्ध योगी थे। हिमालय की तलहटी में तपस्यारत वे ऐसे योगी थे जो सृष्टि के प्रलय एवं पालक का सामर्थ्य रखते थे। गोरक्षपीठ को अपनी तपोस्थली बनाकर उन्होंने लोक कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके नाम पर स्थापित यह छात्रावास गोरक्षपीठ के सेवा-प्रकल्पो की श्रृंखला में एक और कड़ी है। उन्होंने कहा कि कुलाधिपति के रूप में रामनाईक जी ने अनेक कदम उठाए हैं। पूरे प्रदेश में शैक्षिक सत्र ठीक हुआ है। उच्च शिक्षा की गाड़ी पटरी पर लौटी है।
एक प्रतिमान है एमपीपीजी कॉलेज डीडीयूजीयू वीसी प्रो। अशोक कुमार ने कहा कि एमपीपीजी कॉलेज एक प्रतिमान है, जिससे अन्य कॉलेजों को प्रेरणा एवं सीख लेनी चाहिए। गोरक्षपीठ द्वारा गुणवत्तापूर्ण शिक्षण व्यवस्था संचालित करने की प्रतिबद्धता अनुकरणीय है। छात्रावास का निर्माण विद्यार्थियों के लिए शिक्षा का मार्ग आसान करेगा। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप राव ने स्वागत भाषण और संचालन डॉ। अविनाश प्रताप सिंह ने किया। मीनाक्षी, प्रिया वर्मा, आराधना वर्मा, नलिनी शर्मा, ऐश्वर्या, अंकिता आदि ने राष्ट्रगान और सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। विश्व को भारत का ऋणी होना चाहिएगवर्नर विश्व योग दिवस के मौके पर गुरु गोरखनाथ योग संस्थान, की तरफ से आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'योग एवं महायोगी गोरखनाथ' में भी सम्मिलित हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति ही नहीं वरन विश्व मानवता के कल्याण के लिए योग का अभ्यास जरूरी है। योग साधना एक अमूल्य निधि एवं अनमोल धरोहर है। जिसके लिए पूरे विश्व को भारत वर्ष का ऋणी होना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र संघ मना रहा है विश्व योग दिवस उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर विश्व संस्था-'संयुक्त राष्ट्र संघ' ने 21 जून को विश्व योग दिवस केरूप में मनाने का निर्णय लिया है। पूरी दुनिया के लगभग 200 देशों में इस कार्यक्रम को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। गवर्नर ने योग के क्षेत्र में महर्षि पतंजलि, महायोगी गुरु गोरखनाथ, मत्स्येन्द्रनाथ, जालन्धरनाथ, कानियानाथ, भतर्ृहरिनाथ आदि केयोगदान को भी रेखांकित किया। इस मौके पर रहे मौजूद कार्यक्रम में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद् के सभी संस्थाओं के संस्थाध्यक्ष, शिक्षक, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्रायें तथा कालीबाड़ी के महन्त रवीन्द्रदास, डॉ। वाई.डी। सिंह, डॉ। राधामोहनदास अग्रवाल, अन्जू चौधरी, प्रो। प्रताप सिंह, प्रो। आर.डी.राय, डॉ। कन्हैया सिंह, डॉ। सूर्यपाल सिंह, डॉ। मिथिलेश मिश्र, प्रो। हरिजी सिंह, उपेन्द्र दत्त शुक्ल, विनय कुमार सिंह बिन्नू, कामेश्वर सिंह, जनार्दन तिवारी, डॉ। धर्मेन्द्र सिंह, ब्रिगेडियर के.पी.बी.सिंह, अरूणेश शाही, राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सुनील सिंह, डॉ। सी.एम.सिन्हा, डॉ। शैलेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ। राजशरण शाही, डॉ। डी.पी.सिंह, मनोज चन्द, भिखारी प्रजापति, अवधेश सिंह, लालजी सिंह, रामलक्ष्मण, रमेश सिंह आदि उपस्थित रहे।