बोरे में भरकर फेंक दिया नौनिहालों का भविष्य
- गगहा के मऊ बुजुर्ग प्राथमिक विद्यालय की नई किताबें खेत में पड़ी मिलीं
- नए सत्र के छात्रों को वितरित करवाना प्रिंसिपल की थी जिम्मेदारीGORAKHPUR: हर बच्चा शिक्षित हो सके इसके लिए शासन स्तर से सरकारी स्कूलों को सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। भविष्य निर्माण के लिए बुनियादी स्तर की इस शुरुआत के प्रति सरकार तो सचेत है लेकिन लगता है उसके कुछ जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं। ये हम नहीं बल्कि गगहा विकास खंड की ग्रामसभा वेलसड़ा के ग्राम मऊ बुजुर्ग प्राथमिक विद्यालय से लगभग 100 मीटर दूर खेत में पड़ी वो स्कूली किताबें बोल रही हैं, जिन्हें नौनिहालों को बांटा जाना था। यहां, अखिलेश दूबे नामक व्यक्ति के धान के खेत में प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को बंटने वाली किताबें बोरे में भरकर फेंकी हुई मिली हैं। सोमवार सुबह ग्रामीणों ने किताबें देखीं तो तत्काल संकुल प्रभारी व खंड शिक्षा अधिकारी को सूचना दी। मौके पर पहुंचे संकुल प्रभारी ने स्कूल बंद होने की वजह से सभी किताबों को ग्रामीण अखिलेश दूबे के घर रखवा दिया है।
छुट्टी पर हैं प्रिंसिपलबता दें, परिषदीय विद्यालयों का शिक्षा सत्र कॉन्वेंट विद्यालयों की तरह अप्रैल माह से ही चल रहा है। लेकिन परिषदीय विद्यालयों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने का दावा करने वाले जिम्मेदार अब भी किताबें मुहैया नहीं करा सके हैं। वहीं, स्कूल प्रिंसिपल संतोष कुमार शाह भी छुट्टी पर चल रहे हैं। ऐसे में स्कूली बच्चों को बिना किताबों के ही पढ़ाया जाता रहा है। अब नई किताबें आने पर भी प्रबंधन की लापरवाही जारी है। यही कारण है किताबें बोरे में भरकर फेंकी जा रही हैं और जिम्मेदार मामला उजागर होने पर सफाई देते नजर आ रहे हैं।
ग्रामीणों पर थोप दी गलती इस मामले में सवाल यह भी उठता है कि जब किताब बच्चों की संख्या के हिसाब से स्कूल को मुहैया कराई जाती है तो पुरानी किताब कैसे बच गई। अगर नई किताबें पंद्रह दिन पहले स्कूल पर आईं तो बच्चों में बांटी क्यों नहीं की गई। वहीं, लापरवाही उजागर होने पर प्रिंसिपल इसकी जिम्मेदारी ग्रामीणों पर लादने लगे। उनका कहना था कि चंदा देने से मना करने के चलते ग्रामीणों ने किताबें चोरी कर खेत में फेंक दी। जबकि स्कूल की रसोईया पाना देवी ने प्रिंसिपल पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि किताबें बच्चों में वितरित ही नहीं की गईं और अपनी गलती का दोष प्रिंसिपल ग्रामीणों पर लगा रहे हैं। वर्जनगांव के कुछ युवक दुर्गा पूजा के लिए चंदा मांग रहे थे। मैंने उन्हें चंदा नहीं दिया। इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने स्कूल से किताबें चोरीकर खेत में फेंक दी।
संतोष कुमार शाह, प्रिंसिपल यह पूरी तरह प्रिंसिपल की लापरवाही है। किताबों को अब तक बच्चों में ना बांटा जाना बड़ी लापरवाही है। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराऊंगा। - मुसाफिर सिंह पटेल, खंड शिक्षा अधिकारी, गगहा