मरीजों की सांसत बन गई हड़ताल
- सीएमओ दफ्तर पर हड़ताली कर्मियों ने जड़ा ताला
- पुलिस की कोशिश के बाद खोला गया गेट - ग्रामीण एरिया के स्वास्थ्य केंद्रों की भी स्थिति बेहालGORAKHPUR: संविदा कर्मचारियों की अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल ने मरीजों की हालत खराब कर रखी है। हड़ताल के पांचवें दिन सोमवार सुबह उग्र कर्मचारियों ने सीएमओ दफ्तर के मेन गेट में ताला लगा दिया। इसके चलते जिला अस्पताल की ओपीडी में जाने वाले मरीज परेशान रहे। वहीं रोड पर जाम की स्थिति बन गई। उधर ग्रामीण एरिया के स्वास्थ्य केंद्रों का भी बुरा हाल रहा। एम्बुलेंस चालकों ने भी हड़ताल का समर्थन कर सेवाएं ठप कर दीं, जिसके चलते दूर दराज के मरीजों को काफी सांसत हुई। गेट में तालाबंदी की सूचना पर पहुंची पुलिस के काफी समझाने के बाद ताला खुलवाया जा सका। सिटी मजिस्ट्रेट भी पहुंचे। उन्होंने ज्ञापन लेने के बाद शाम चार बजे तक धरना स्थल खाली करने को कहा लेकिन हड़ताली कर्मी अपनी मांगों पर अड़े रहे।
हो रही अनदेखीअपनी पांच सूत्रीय मांगों पर अड़े अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने कहा कि सरकार मांगों की अनदेखी कर रही है, लेकिन हम भी चुप बैठने वाले नहीं हैं। इसके लिए आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। आशा सभा की अध्यक्ष चंदा यादव ने भी सभा को संबोधित किया। सोमवार को भूख हड़ताल पर गोला व ब्रहम्पुर के 18 संविदा कर्मचारी बैठे। इसमें डॉ। राजेश कुमार, अनिल, विवेक, डॉ। संदीप पांडेय, गौरव श्रीवास्तव, हर्ष पांडेय व आशाएं शामिल रहीं।
परेशान रहे मरीज अस्पतालों में तैनात संविदा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। नियमित कर्मचारियों के भरोसे काम चलाया जा रहा है। सि हड़ताल ने मरीज की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिला महिला अस्पताल की ओपीडी के अलावा परामर्श दात्री परिवार कल्याण विभाग, आदर्श क्लीनिक काउंसलर रूम आदि अन्य विभाग में कुर्सियां खाली दिखीं। वहीं आयुष चिकित्सालय में ताला लटका रहा। यहां आने वाले मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। जिला व महिला अस्पताल को मिलाकर हर रोज करीब 1000 से 1500 मरीजों की ओपीडी होती है। पेशेंट्स इलाज के लिए आ रहे हैं लेकिन कर्मचारियों के ना होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।