डेंगू मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स को मारेंगें सीएमओ
-कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच डेंगू का मंडराने लगा खतरा
- डेंगू से निपटने के लिए मच्छरों के ब्रीडिंग को रोकने के लिए बनाया गया एक्शन प्लान -कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच डेंगू का मंडराने लगा खतरा - डेंगू से निपटने के लिए मच्छरों के ब्रीडिंग को रोकने के लिए बनाया गया एक्शन प्लानGORAKHPUR: GORAKHPUR: कोरोना संक्रमण काल से एक तरफ जहां हर कोई जूझ रहा है। वहीं, डेंगू जैसी गंभीर बीमारी से निटपने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट पूरी तरह से तैयार हो गया है। सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने बताया कि डेंगू से निपटने के लिए हमें मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स को मारना होगा। इसके लिए सभी को पूरी तरह से मुस्तैद रहना है। सीएमओ ने बताया कि संचारी रोगों का व्यवहार परिवर्तन से गहरा संबंध है। डेंगू भी इसी प्रकार की बीमारी है। अगर समुदाय अपना व्यवहार बदले तो इस बीमारी पर अंकुश लगाया जा सकता है। डेंगू की रोकथाम के लिए एहतियाती कदम उठाने होंगे। साफ पानी का जमाव रोकना होगा और मच्छरों की ब्रीडिंग साइट्स नष्ट करनी होगी।
पिछले साल भ्0 प्रतिशत घरों में मिले थे डेंगू के ब्रीडिंग साइट्सहेल्थ डिपार्टमेंट की माने तो सिटी के भ्0 प्रतिशत घरों में डेंगू के वाहक मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स पाए जा चुके हैं। जिन्हें नष्ट कराया जा चुका है। पिछले साल संस्था की मदद से ब्ख्फ्ख्7 घरों में जाकर सर्वे किया गया था। कुल क्0क्90 कूलर व क्ख्फ्ख्क् फ्रीज चेक किए गए थे। इनमें से ख्क्7भ्क् मच्छरों के ब्रीडिंग साइट्स पाए गए। जिन्हें लोगों को जागरूक कर नष्ट करवाया गया था। जिन घरों में सर्वे किया गया वहां से फ्ख्फ्भ् लोग बुखार के रोगी पाए गए थे। उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना के प्रसार के कारण साफ- सफाई और सैनेटाइजेशन पर विशेष जोर रहा है, इसलिए मच्छरों का प्रकोप थोड़ा कम हुआ है। हांलाकि सितंबर माह की बारिश के बाद साफ पानी का जमाव चुनौती दे सकता है। इसलिए लोगों को चाहिए कि कूलर, फ्रीज, गमला, छत पर फेंके गये टायर आदि में साफ पानी न इकट्ठा होने दें। डेंगू के मच्छर का लार्वा पनपने के लिए एक चम्मच साफ पानी ही काफी है, इसलिए सभी को साफ पानी के जमाव से सतर्क रहना होगा।
सिटी में एरिया में डेंगू की होगी रोकथामवहीं एडिशनल सीएमओ डॉ। नंद कुमार व वेक्टरबॉर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डॉ। एके चौधरी, संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश सिंह, परियोजना निदेशक करिश्मा श्रीवास्तव, सहायक निदेशक रूचि झा और प्रोग्राम मैनेजर अंजुम गुलरेज ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को उन तौर-तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जा चुकी है। जिसके जरिए सिटी एरिया में डेंगू की रोकथाम की जा सकती है। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ। हरप्रीत, डॉ। पल्लवी, डॉ। शालिनी, सर्विलांस सेल से डॉ। एसके द्विवेद्वी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक पंकज आनंद, जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ। मुस्तफा खान, शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान और जेई-एईस कंसल्टेंट डॉ। सिद्धेश्वरी सिंह प्रमुख तौर से इसकी मॉनिटरिंग करेंगे।
बनाई गई है टीम सीएमओ ने बताया कि चूंकि नवंबर तक संचारी रोगों जैसे डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया आदि का शहरी क्षेत्र में खतरा बना रहता है और इस समय बारिश भी शुरू हो गई है, इस लिहाज से समुदाय को इन बीमारियों के प्रति संवेदीकृत करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि संस्था के सहयोग से डेंगू के बारे में कुल ब्ब्क् चिकित्सक, ख्क्ख्ख् आशा, एएनएम, ख्ब्0 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और फ्89 फॉर्मासिस्ट को ट्रेनिंग दी जा चुकी है। इन ट्रेंड लोगों की मदद से बीमारी की रोकथाम, बीमारी का शीघ्र पता कर उपचार मुहैया कराने और इनके कारकों को मारने का प्रयास किया जाएगा। डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण व खतरा- प्लेटलेट्स का कम होना हमेशा डेंगू नहीं होता है।
- समय से हॉस्पिटल आने पर डेंगू का सस्ता इलाज संभव है।
- समय से हॉस्पिटल पहुंचने पर डेंगू जानलेवा रूप नहीं धारण करता है। - चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण एक तरह के होते हैं। चिकित्सकीय जांच के बाद ही पता चल सकता है कि मरीज को डेंगू या चिकनगुनिया। - चिकनगुनिया के खतरनाक अवस्था में शरीर झुक जाता है और वह कभी ठीक नहीं होता। - डेंगू और चिकगुनिया एक ही प्रजाति के मच्छर के काटने से होता है और दोनों बीमारियों के मच्छर दिन में काटते हैं। - मच्छरों से बचाव कर हम चिकनगुनिया और डेंगू समेत सभी मच्छरजनित रोगों पर अंकुश पा सकते हैं।