नगर निगम क्षेत्र में बंदरों के आतंक से मुक्ति के लिए अब वन विभाग से गुहार नहीं लगानी पड़ेगी. नगर निगम बंदर पकड़ेगा और महानगर से 20 किलोमीटर दूर छोड़ेगा. खास बात यह है कि लाल रंग वाले बंदरों के साथ ही लंगूर भी पकड़े जाएंगे. इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. एजेंसी चयन के बाद नगर निगम के टोल फ्री नंबर 1533 पर फोन कर बंदरों के आतंक की सूचना दी जा सकेगी. एजेंसी के कर्मचारी तत्काल मौके पर पहुंचेंगे और बंदरों को पकड़कर ले जाएंगे.

गोरखपुर: नगर निगम क्षेत्र में बंदरों को पकडऩे की जिम्मेदारी वन विभाग की थी। यदि नगर निगम ने बाहर की कोई फर्म बुलाकर बंदरों को पकडऩे की कोशिश की तो वन विभाग से नोटिस मिल जाता था। तकरीबन दो महीने पहले बंदरों को पकडऩे की जिम्मेदारी नगर निगम को देने का शासनादेश जारी हुआ था। इसके बाद से नगर निगम ने नियमावली बनानी शुरू कर दी थी।

निविदा का निर्णय


मथुरा और आसपास के कई लोग एजेंसी बनाकर बंदरों को पकडऩे का काम करते हैं। कुछ लोग लंगूरों के माध्यम से लाल रंग वाले बंदर भगाते हैं। लाल रंग वाले बंदर लंगूरों को देखते ही भाग निकलते हैं। बंदर पकडऩे के लिए शासनादेश आया तो नगर निगम के अधिकारियों ने मथुरा की टीम से संपर्क किया। वहां से एक बंदर पकड़कर छोडऩे का रेट 12 सौ रुपये मांगा गया। इस कारण नगर निगम ने निविदा जारी करने का निर्णय लिया। उम्मीद है कि कम रेट में बंदर पकडऩे वाले मिल जाएंगे।

बंदरों का आतंक


हाल ही में लहसड़ी गांव में बंदर के आतंक से लोगों ने राह बदल दी थी। आए दिन बंदरों के हमले की खबरें आती हैं। तारामंडल क्षेत्र में कुछ दिनों के अंतराल पर बंदरों का झुंड पहुंचता है और काफी नुकसान पहुंचाता है।

मंकी कैचर में बंदर पकड़े जाएंगे। निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनी जाने वाली एजेंसी को जल्द से जल्द काम शुरू करने के लिए कहा जाएगा। इससे नागरिकों को काफी सहूलियत मिलेगी।
शिवपूजन यादव, अपर नगर आयुक्त

Posted By: Inextlive