शहर में कोरोना कैरियर न बन जाए मॉस्क व ग्लब्स
GORAKHPUR:
कोरोना संक्रमण को लेकर एक तरफ गर्वनमेंट जहां लगातार लोगों को साफ-सफाई के लिए अवेयर कर रही है। वहीं सिटी के लोग संक्रमण से बचाव में यूज किए मास्क, ग्लब्स व कैप कही भी फेंक दे रहे हैं। सिटी में सड़कों, गलियों व पार्को में कूड़े के साथ ये बचाव संबंधी इंस्ट्रूमेंट बिखरे हुए देखें जा सकते हैं। चिंता इस बात की है कि ये मेडिकल वेस्ट कहीं कोरोना संक्रमित न हों। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने आज इन सब की पड़ताल करने सड़क पर निकली तो ये सामने आया। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए यूज किए गए मॉस्क, ग्लब्स व कैप के खुले में फेंके जाने से सबसे अधिक खतरा नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को है। वहीं आवारा पशुओं के भी संक्रमित होने का डर है। ऐसे में ये ़बचाव संबंधी उपकरण कहीं कोरोना कैरियर न बन जाए। स्पॉट वनधर्मशाला ओवर ब्रिज
सुबह 6 बजे धर्मशाला ओवर ब्रिज पर राहगीरों के आने जाने का सिलसिला जारी रहा। वहीं ब्रिज पर यूज्ड मास्क पड़ा मिला। जबकि डेली प्रशासन की ओर से यूज्ड मास्क को नष्ट करने की अपील की जा रही है। स्पॉट टू काली मंदिरसुबह 6.10 बजे कुछ दूर आगे बढ़ने पर सड़क किनारे यूज्ड सर्जिकल कैप पड़े हुए मिले। इस रास्ते बाइक और फोर व्हीलर के अलावा पैदल भी लोग आते जाते दिखें। दूसरी ओर लाउडस्पीकर से सावधानी बरतने की अपील की जा रही थी।
स्पॉट थ्री गोलघर सुबह 6.30 बजे गोलघर के मेन सड़क पर रिपोर्टर के पहुंचने पर यूज्ड ग्लब्स पड़ा दिखा। इस तरह से खुलेआम फेंका गया ग्लब्स किसी इस संकट के दौर में प्रशासन की मुश्किलें कहीं बढ़ा न दें। मास्क का कैसे करें यूज -मास्क को कभी भी फ्रंट से न छुएं। मास्क उतारने के लिए कान के पीछे डोरी से मास्क उतारे। -एन-95 मास्क 12 घंटे तक यूज हो सकता है। इसे भी पीछे से पकड़कर ही उतारें। -थ्री व टू लेयर मास्क चार से पांच घंटे तथा कपड़े वाला मास्क छह से आठ घंटे के बाद बदल लेना चाहिए। -मास्क खराब होने पर उसे तत्काल बदल दे। -कैसा भी मास्क हो उसे खुले में नहीं रखना चाहिए। किसी भी सतह से टच होते ये इंफेक्शन छोड़ सकता है -डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार यूज मास्क को जला या जमीन में दफना सकते हैं।-कपड़े वाले मास्क को सेनेटाइज करना जरूरी है। सिर्फ पानी से धोना पर्याप्त नहीं है। वाशिंग सोडे या पाउडर के पानी से धोना जरूरी है।