पब्लिक और निगम मिलकर करे काम तो गंदगी हो जाए साफ
GORAKHPUR: शहर के चाहे जिस कोने में चले जाइए, गंदगी से सामना हो ही जाएगा। कहीं रोड पर नाली बह रही है तो कहीं नाली है ही नहीं। कहीं नाली जाम है तो कहीं नाली साफ भी हुआ है तो कचरा रोड पर ही पड़ा है। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने शहर में कचरे की समस्या को लेकर शनिवार को 'गर्मी लगी क्या' के तहत चर्चा कराई। लोगों न खुलकर अपनी बात रखी। कहा कि शहर में सफाई की जिम्मेदारी जितनी निगम की है, उतनी ही पब्लिक की भी है। दोनों अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो बात बन जाए।
द नार्थ इंडिया स्कूल समय: 11.30 बजेदैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम नंदा नगर के द नार्थ इंडिया स्कूल में शहर में कचरे की समस्या पर चर्चा की। लोगों ने कहा कि सफाई के नाम पर केवल शहर में कोरम पूरा होता है। जोसेफ मेथ्यू ने कहा कि शहर में गंदगी को लेकर केवल सरकारी महकमा ही जिम्मेदार नहीं है। हम भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी। अजय यादव का कहना था कि नगर निगम के पास यह आंकड़ा नहीं कि किस वार्ड में कितने लोग रहते हैं और कितना कूड़ा निकलता है। जब शहर की सफाई करने वाली सरकारी व्यवस्था के पास कोई आंकड़ा ही नहीं है तो वह व्यवस्था क्या देगी। वंदना यादव ने बोलते हुए कहा कि शहर में गंदगी है। इसे सुधारने के लिए हमें अपने घर से शुरू करना होगा। जब घर के दरवाजे के रोड की सफाई की जिम्मेदारी हम ले लेंगे उसी दिन शहर में सफाई का स्वरूप दिखना शुरू हो जाएगा। निशु सिंह ने बात का समर्थन करते हुए कहा कि पब्लिक सही है बस अपनी जिम्मेदारी उठा ले, लेकिन सफाई की व्यवस्था करने वालों को भी जागरूक रहने की जरूरत है।
आरएसएम हायर सेकेंड्री स्कूल, कूड़ाघाट समय- 1 बजेदैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम आरएसएम हायर सेकेंडरी स्कूल कूड़ाघाट पहुंची। चर्चा शुरू हुई तो सभी ने एक स्वर से जिम्मेदारों को दोषी ठहराया। प्रवीण कुमार पांडेय ने कहा कि शहर के किसी भी एरिया में दोपहर के बाद चले जाइए। सफाई की हकीकत पता चल जाएगी। शहर में जगह-जगह कूड़ा डालने के लिए डब्बे रखे हुए हैं, लेकिन इन डिब्बों में कभी सफाई का कार्य नहीं होता है। कूड़ा डिब्बे से बाहर रोड पर फैलने लगा है। रीता पाठक ने कहा कि रोड पर फैलने का असर यह होता है कि दिन भर आवारा जानवरों का जमावड़ा लगा रहता है, जिसके कारण सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है। गलियों की स्थिति यह होती है कि सफाई न होने के कारण नालियां ओवर फ्लो हो जाती है। ओम प्रकाश मिश्र ने बोलते हुए कहा कि सफाई को लेकर कोई ठोस कदम उठाता ही नहीं है।
आरएसएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल, इंजीनियरिंग कॉलेज समय- 2 बजेइंजीनियरिंग कॉलेज स्थित आरएसएम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चर्चा आयोजित हुई। जिसमें दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने चर्चा शुरू कराया तो लोगों ने बोलना शुरू किया। हृदेश्वर शुक्ला ने कहा कि शहर के जिम्मेदार कभी शहर के किसी एरिया में सफाई का निरीक्षण करने जाते ही नहीं है। अगर कोई जाता है तो दो से तीन दिन व्यवस्था सही रहती है, लेकिन उसके बाद स्थिति वही हो जाती है। शहर के मेन एरिया में सफाई तो हो जाती है, लेकिन गलियों में गंदगी का अंबार लगा रहता है। जहां सफाई होनी चाहिए वहां कभी सफाई कर्मी आते ही नहीं है। नंदा नगर एरिया के 20 प्रतिशत ऐसे एरिया हैं जहां कभी कोई सफाई कर्मी आया ही नहीं है। विनोद श्रीवास्तव ने कहा कि अगर समय से सफाई और सिस्टम से हो तो स्थिति बहुत कुछ बदल जाएगी। शिशिर मिश्रा ने बोला कि यह सही है, लेकिन एक बार पब्लिक के साथ सिस्टम को भी सफाई के लिए व्यवस्था सही करनी होगी।
यह हो तो होगी अच्छी सफाई - नगर निगम को सफाई के लिए एक सिस्टम बनाना होगा - इस सिस्टम का पालन करने के लिए कड़ाई से पालन करना होगा - गलियों में समय से कूड़ा उठे - शहर की सफाई के लिए नगर निगम विशेष टीम का गठन करे - शहर से निकलने वाले कूड़ा निस्तारण का सही उपाय हो - सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की योजना चालू हो - पब्लिक भी जागरूक हो कॉलिंग शहर में गंदगी के लिए हर कोई जिम्मेदार है। शहर में गंदगी के लिए पब्लिक जिम्मेदार है तो व्यवस्था देने वाले लापरवाह हैं। यही कारण है कि शहर में लगातार गंदगी बढ़ती जा रही है। अजय यादव शहर की सफाई के लिए जिम्मेदार को एक ठोस कदम उठाने की जरूरत है। पब्लिक अगर जागरूक हो जाए तो नगर निगम को मजबूरी हो जाएगी सफाई व्यवस्था को सही करने की। जोसेफ मेथ्य, प्रिंसिपल घर से सफाई की बात शुरू करनी होगी। जिस दिन घर से सफाई की शुरुआत हो जाएगी उसी दिन शहर ही नहीं, हर गली की सूरत बदलनी शुरू हो जाएगी।वंदना यादव, टीचर
शहर में गंदगी फैलने वालों के खिलाफ नगर निगम कभी ठोस कार्रवाई करता ही नहीं है। जुर्माना लगाने का नियम है, लेकिन जुर्माना नहीं किया जाता। एक बार डर पैदा करने की जरूरत है। निशु सिंह, टीचर सफाई को लेकर शहर के पास कोई योजना ही नहीं है। अगर योजना बनती है तो शहर में गंदगी नहीं दिखती है। सफाई के लिए एक बार शहर के लोगों को जोड़ना होगा। हृदेश्वर शुक्ल, टीचर शहर की सबसे बड़ी प्रॉब्लम गंदगी है। गंदगी के कारण सड़काें पर चलना मुश्किल होता है तो नालियों से पानी निकालना मुश्किल हो जाता है। विनोद श्रीवास्तव, टीचर