Gorakhpur University News : विदेश नीति ने वैचारिक बाधाओं को छोड़ व्यवहारिकता को अपनाया
गोरखपुर (ब्यूरो)।इसके साथ ही वसुधैव कुटुंबकम को केंद्र में रखा है जिसकी वजह से भारत के राष्ट्रीय हित ग्लोबल गुड्स (वैश्विक हितों) से भिन्न नहीं है। यह बातें कीनोट स्पीकर पूर्व राजनयिक वीरेंद्र गुप्ता ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट में 'भारत की विदेश नीति के बदलते आयाम' सब्जेक्ट रिफ्रेेशर कोर्स के उद्घाटन सत्र में कहीं। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र के अलावा अन्य वैकल्पिक अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे जी-20 का प्रयोग करने की आवश्यकता है। भारत पर सबकी नजर
कार्यक्रम के चीफ गेस्ट इंदिरा गांधी नेशनल ट्राइबल यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि आज भारत सॉफ्ट पावर के साथ हार्ड पावर भी बन कर उभरा है। पीएम मोदी के सफल प्रयासों से आज विश्व की सभी शक्तियां भारत की ओर देख रही हैं। समाधान के आयाम भारत में ही खोजने का प्रयास कर रही हंै। यूजीसी-एचआरडीसी के डायरेक्टर प्रो। रजनीकांत पांडेय ने सभी का वेलकम करते हुए कहा कि भारत की विदेश नीति के बदलते आयाम पर आयोजित इस कोर्स से सभी का ज्ञानवर्धक होगा। कार्यक्रम का संचालन डॉ। महेंद्र कुमार सिंह ने किया। कोऑर्डिनेटर और एचओडी प्रो। रूसिराम महानंदा ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में प्रो। राजेश सिंह, प्रो। विनीता पाठक, प्रो। गोपाल प्रसाद, डॉ। अमित उपाध्याय ने भी पार्टिसिपेट किया।