रिसर्च में दबदबा कायम कर रहा गोरखपुर यूनिवर्सिटी
- डीडीयूजीयू के केमिस्ट्री डिपार्टमेंट में आयोजित किया गया एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
- भाभा आटोमिक रिसर्च सेंटर मुंबई के साइंटिस्ट ने खूब की प्रंशसाGORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी का केमिस्ट्री डिपार्टमेंट उच्च स्तरीय शोध कार्य में अच्छा काम कर रहा है। यहां के कार्यो की सराहना सिर्फ नेशनल ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल लेवल पर हो रही है। जीवन के हर क्षेत्र में विज्ञान समाहित है। रिसर्च के क्षेत्र में हमें आगे बढ़ना है। इसके लिए युवा वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करना होगा। यह बातें भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर, मुंबई के प्रो। नंद लाल मिश्रा ने कहीं। वह डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में केमिस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से डॉ। एससी त्रिपाठी की मेमोरी में ऑर्गेनाइज नेशनल सेमिनार में बतौर चीफ गेस्ट मौजूद थे। उन्होंने देश में मौजूद स्ट्रक्चरल एनालिसिस टेक्नीक यूज करने की सलाह दी। प्रोग्राम की अध्यक्षता वीसी प्रो। अशोक कुमार ने की, उन्होंने कहा किबिना स्ट्रक्चरल केमेस्ट्री की जानकारी के हम केमेस्ट्री बेहतर तरीके से नहीं समझ सकते। उन्होंने कहा कि कैंसर की रोकथाम के लिए हमें विकिरण उपचार से हटाकर ऐसी दवाओं की खोज करनी होगी, जो कैंसर से प्रभावित कोशिकाओं को ही नष्ट करे न कि सामान्य कोशिकाओं को।
शॉल और मोमेंटो देकर हुआ वेलकमकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एचओडी प्रो। एसके सेन गुप्ता ने डिपार्टमेंट की तरफ से सभी गेस्ट्स का वेलकम किया। इसके बाद डिपार्टमेंट्स की एक्टिविटीज को प्वाइंट आउट करते हुए उपलब्धियों पर चर्चा हुई। प्रोग्राम की शुरुआत में वीसी ने चीफ गेस्ट प्रो। नंदलाल मिश्र को शाल एवं मोमेंटो देकर उनका स्वागत किया। ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी प्रो। ओपी पांडेय, डॉ। उमेश नाथ त्रिपाठी, डॉ। एके तिवारी ने प्रो। सतीश चंद्र त्रिपाठी की फैमिली का माल्यार्पण कर स्वागत किया।
संरचना जानना है अति आवश्यक राष्ट्रीय संगोष्ठी के संयोजक प्रो। निजामुद्दीन ने सेमिनार के बारे में बताते हुए सेमिनार के उद्देश्यों को प्वाइंट आउट किया। उन्होंने कहा कि आज के युग में कोई भी पदार्थ की रासायनिक, जैविक या वायुमंडलीय उपयोगिता को जानने के लिए पहले उसकी संरचना को जानना जरूरी है। फर्स्ट एकेडमिक सेशन में भारतीय विश्व विज्ञान अनुसंधान संस्थान लखनऊ के साइंटिस्ट डॉ। विरेंद्र मिश्रा ने क्रोमियम और लिंडेन केमेस्ट्री से अफेक्टेड लैंड ट्रीटमेंट में नैनो टेक्नोलॉजी की भूमिका पर चर्चा की। सेकेंड एकेडमिक सेशन में दिल्ली यूनिवर्सिटी के डॉ। रमेंद्र प्रताप ने 2 साइनो मिथाइल बेन्जो नाइटल अणु के बारे में जानकारी दी। अनुपमा ने जीता पोस्टर कॉम्प्टीशनसेमिनार के दौरान पोस्टर कॉम्प्टीशन भी ऑर्गेनाइज किया गया, जिसमें बड़ी तादाद में स्टूडेंट्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसमें अनुपमा श्रीवास्तव के पोस्टर को फर्स्ट प्राइज के लिए चुना गया, सेकेंड प्राइज प्रीति दुबे, और थर्ड प्राइज रजत तिवारी को मिला। वहीं कॉन्सोलेशन प्राइज अंजली उपाध्याय और सरिता को दिया गया। इस मौके पर यूनिवर्सिटी के प्रो। राजेंद्र सिंह, प्रो। जेपी विश्वकर्मा, प्रो। एमएल श्रीवास्तव, प्रो। हरेंद्र सिंह, प्रो। केडीएस यादव, प्रो। हरिजी सिंह व प्रो। लक्ष्मी आदि मौजूद रही।