कुछ साल पहले तक डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए सिर्फ बीआरडी मेडिकल कॉलेज पर निर्भर गोरखपुर अब एमबीबीएस की पढ़ाई का हब बनने को तैयार है.


गोरखपुर (ब्यूरो)। एम्स में एमबीबीएस की पढ़ाई कराई जा रही है। साथ ही आयुष यूनिवर्सिटी और गुरु गोरक्षनाथ यूनिवर्सिटी जैसे प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान भी हेल्थ सर्विसेस देने के लिए तैयार हो गए हैं। सीएम सिटी में मेदांता अस्पताल खोलने की संभावना तलाशने बीते दिनों पद्मभूषण डॉ। नरेश त्रेहन भी गोरखपुर आए थे। यहां मेडिकल कॉलेज में बेहतर डॉक्टर (धरती के भगवान) तो तैयार होते ही हैं। गोरखपुर, बिहार और नेपाल से आने वाले लोगों को कम खर्चें में बेहतर इलाज भी मिल जाता है। बीआरडी: 2017 में थीं 100 सीटें, अब 150


मेडिकल स्टूडेंट्स को यहां बेहतर इंफ्रास्टक्चर के साथ रिसर्च और प्रैक्टिस करने का अच्छा मौका मिलता है। यही कारण है कि अब गोरखपुर में गवर्नमेंट ने मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी के अलावा एम्स, आयुष यूनिवर्सिटी और योग गुरु गोरक्षनाथ यूनिवर्सिटी की सौगात दी है। मेडिकल कॉलेज में जहां 2017 में एमबीबीएस की 100 और पीजी की 72 सीटेंं थी, लेकिन जैसे-जैसे चिकित्सकीय क्षेत्र का दायरा बढ़ता गया, वैसे-वैसे एमबीबीएस की 150 सीटें हुईं और पीजी की 124 सीटेंं हो गई हंै। एम्स: एमबीबीएस की 550 सीटेंं

बी-फार्मा की 60 सीटेंं, बीएससी नर्सिंग की 40 सीटेंं हैं। 11 डिपार्टमेंट में पैरामेडिकल, ओटी टेक्नीशियन, रेडियोग्राफी, ईसीजी, प्लास्टिक सर्जरी आदि चल रही है। इसके अलावा डीएलएम की 100 सीटें हैं, जोकि दो साल का कोर्स है। एम्स का शुभारंभ होने के बाद से एमबीबीएस की 50 सीटें थीं। सेकेंड ईयर में 125 सीटें एमबीबीएस की हुईं। अब लगातार सीटों में बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में 550 सीटेंं एमबीबीएस की हो गई हैं। वहीं, पीजी की 33 सीटेंं हैं। साथ ही बीएससी नर्सिंग थर्ड ईयर में 170 और एमएसी नर्सिंग में कुल 9 सीटेंं हैं। ऐसे में यहां से अधिक से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ निकल रहा है। डॉक्टर्स की पहली पसंद गोरखपुर मेडिकल कॉलेज और एम्स में पड़ोसी देश नेपाल, बिहार और पूर्वांचल के आसपास के मरीजों को बेहतर इलाज होता है। अन्य प्रदेशों के डॉक्टर्स की पहली पसंद गोरखपुर है। अन्य राज्यों के डॉक्टर गोरखपुर में आकर काम करने के इच्छुक रहते हैं। आयुष विश्वविद्यालय: यूनानी और होम्योपैथी की ओपीडी शुरू

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में एक फरवरी से ओपीडी की शुरुआत हो गई है। वीसी डॉ। एके सिंह ने बताया, पहले चरण में यूनानी और होम्योपैथी की ओपीडी शुरू की गई है। दूसरे चरण में योगा और नेचुरौपैथी की ओपीडी चलाई जाएगी। यूनिवर्सिटी में डॉक्टर्स की नियुक्ति के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसकी अनुमति मिल गई है। विशेषज्ञों की तैनाती प्रक्रिया भी चालू कर दी गई है। ओपीडी में आने वाले मरीजों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। एम्स में अच्छे डॉक्टर हैं। जांच की भी सुविधा है। इमरजेंसी में भी मरीजों को सेवाएं दी जा रही है। साथ ही न्यूरो सुपर स्पेशियलिटी शुरू है। यहां डेली 2200 से 2300 मरीज इलाज के लिए आते हैं। अधिकांश मरीजों की सर्जरी भी हो रही है। इस समय सभी डिपार्टमेंट चालू हो चुके हैं। एमबीबीएस और पीजी की भी सीटेंं बढ़ी हैं। आने वाले दिनों और संख्या बढऩे की उम्मीद है। डॉ। सुरेखा किशोर, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर एम्स मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, पीजी, बीएससी नर्सिंग आदि कोर्स की सुविधाएं हैं। साथ ही सीटों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। सुपर स्पेशियलिटी में नेफ्रोलॉजी, कार्डियक, अनकोलॉजी सर्जरी, न्यूरो, यूरोलॉजी आदि विभाग चल रहे हैं। मेडिकल कॉलेज दिन प्रतिदिन एक नया मुकाम हासिल कर रहा है। - डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive