जिन्हें सबको पता बताना है, वही भटक गए..
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- खिचड़ी मेला में पहुंच रहे हजारों-लाखों लोग लेकिन टूरिज्म डिपार्टमेंट का नहीं है कोई हेल्प बूथ - रेलवे स्टेशन पर मौजूद विभाग के काउंटर पर भी नदारद हैं कर्मचारी, स्टाफ की कमी का रोना रो रहा विभाग GORAKHPUR: मकर संक्रांति पर लगने वाले खिचड़ी मेले में श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो, तमाम सरकारी व गैरसरकारी संगठन इस पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन एक विभाग ऐसा भी है जिसे सबको पर्यटन स्थलों, धरोहरों का पता बताने की जिम्मेदारी है, लेकिन वह खुद ही मेले का पता भूला बैठा है। मेले में टूरिज्म डिपार्टमेंट का कोई हेल्प बूथ नहीं है जबकि देश-विदेश से आने वाले लाखों लोगों को यहां की संस्कृति और धरोहरों से रूबरू कराने का यह बेहतर मौका है। टूरिस्ट्स को हो रही दिक्कतगोरखनाथ मंदिर में 14 जनवरी को खिचड़ी चढ़ाने का सिलसिला शुरू होने के बाद लाखों लोग अब तक बाबा गोरखनाथ को खिचड़ी चढ़ा चुके हैं। इन लोगों के लिए यहां रोडवेज ने हेल्प बूथ लगाया है। वहीं, पुलिस, बैंक स्टॉल्स और वालंटियर्स भी यहां लोगों की मदद में लगे हुए हैं। लेकिन यूपी टूरिज्म डिपार्टमेंट के जिम्मेदार इस मेले में अपनी जिम्मेदारियों से भागते नजर आ रहे हैं। स्थिति ये है कि विभाग की ओर से यहां एक भी हेल्प बूथ मौजूद नहीं है। इसके चलते बाहर शहरों या विदेश से पहुंच रहे लोगों को यहां के अन्य फेमस टूरिस्ट स्पॉट्स की जानकारी लेने में काफी दिक्कत हो रही है।
रेलवे स्टेशन काउंटर का भी बुरा हाल वहीं, खिचड़ी मेले के प्रति विभाग की उदासीनता पर टूरिज्म डिपार्टमेंट रेलवे स्टेशन पर बने काउंटर का हवाला देते नजर आते हैं। लेकिन इसकी हालत भी कुछ खास अच्छी नहीं है। गोरखपुर रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट के रीजनल ऑफिसर आरके रावत का कहना है कि मेले में आने वाले लोगों के लिए पहले से रेलवे स्टेशन पर काउंटर मौजूद है। जबकि हकीकत में इस काउंटर पर कोई तैनात ही नहीं है। वहीं, विभाग के पास यहां टूरिस्ट गाइड तक नहीं है। गंवा रहे अच्छा मौकाशहर में लगने वाले खिचड़ी मेले में लाखों लोग पहुंचते हैं। ये देश-विदेश के लोगों को गोरखपुर की संस्कृति और धरोहरों के बारे में बताने का सबसे अच्छा मौका होता है। लेकिन यहां का टूरिज्म डिपार्टमेंट इस सुनहरे अवसर को गंवाने पर तुला है। अगर विभाग चाहता तो मेला परिसर में हेल्प बूथ लगाकर लोगों को गोरखपुर व आसपास की धरोहरों के बारे में विस्तृत जानकारी दे सकता था। वहीं, शहर के एंट्री प्वॉइंट्स पर टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से साइन बोर्ड लगावाकर भी लोगों को आसपास की जगहों की जानकारी दी जा सकती है। लेकिन विभाग के जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने में लगे हैं।
इन जगहों की दे सकते हैं जानकारी - गोरखनाथ मंदिर की खासियत - गीता प्रेस - विष्णु मंदिर - लुंबिनी - कुशीनगर परिनिर्वाण स्थल - कबीर निर्वाण स्थली, संतकबीर नगर - यूपी भर के पर्यटक स्थल पिछले वर्षो में इतने आए टूरिस्ट्स सन इंडियन फॉरेनर 2016 1,02,56,345 1,63,907 2015 1,32,32,543 1,25,936 2014 1,02,34,435 1,60,036 2013 1,03,23,222 1,23,234 2012 1,05,34, 322 1,60,9322011 1,06,26,640 1,68,936
2010 1,03,97,411 1,65,497 2009 96,45,779 1,48,800 2008 93,80,508 1,42,590 2007 87,83,134 1,36,080 वर्जन पर्यटकों के लिए पहले से हमारा काउंटर रेलवे स्टेशन पर मौजूद है। जिसे जानकारी लेनी होती है, वहां से ले लेता है। रही बात टूरिस्ट गाइड की तो केवल कुशीनगर में गाइड तैनात हैं। - आरके रावत, आरटीओ, रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट, गोरखपुर