हाथों से बने परिधान, 'लड्डू गोपाल' की चमक में लगाएंगे चार चांद
- 30 अगस्त को मनेगा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्योहार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर शुरू हुई तैयारियां
- घर में डेकोरेट किए जाने वाले आकर्षित लड्डू गोपाल के बढ़ी डिमांड GORAKHPUR: भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 30 अगस्त को धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाएगा। इसकेलिए सिटी के मार्केट सजने शुरू हो गए हैं। कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान रखते हुए लोगों ने पर्व को घर में ही सेलिब्रेट करने का मन बनाया है। इसके लिए जमकर खरीदारी की जाने लगी है। लड्डू गोपाल के साथ खरीदने के लिए पालना महिलाओं और बच्चों को आकर्षित कर रहे हैं। हाथ से बने परिधान सेंटर ऑफ अट्रैक्शन हैं, जिसे लोग काफी इंटरेस्ट के साथ परचेज कर रहे हैं। मार्केट में अब उमड़ रही भीड़जन्माष्टमी को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। लोग बाजार में पहुंचकर लड्डू गोपाल और उनके लिए पालना, पोशाक व पूजन सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में भक्तों की भीड़ देखी जा सकती है। खासकर महिला भक्तों की बाजार में अधिकता है। भक्तों ने दुकानों पर पहुंचकर मूर्तियों के अलावा पोशाक, पालना, फूल-माला व अन्य पूजन-सामग्री ले रहे हैं। घर में बाल गोपाल की सज्जा के लिए जितने भी सामान हैं, वह लोगों को अपनी ओर अट्रैक्ट कर रहे हैं। विनीता बताती हैं कि बच्चों के लिए खरीदे जाने वाले कान्हा की ड्रेस काफी लुभा रही हैं। बच्चों को कृष्ण के रूप में सजाने के लिए राजस्थानी और पीले रंग की ड्रेस भी मार्केट में आ चुकी है। वहीं पीली ड्रेस, माला, बांसुरी आदि की भारी मांग रही।
इनकी भी खूब हो रही खरीददारी कान्हा की पोशाक मुकुट बांसुरी माखन-मिश्री भोग तिलक पलंग दूसरे सिटी से आए आईट्म्स सिटी मॉल में थर्ड फ्लोर पर स्थित नारायणी बुटीक के आशीष बैरोलिया ने बताया कि कोरोना के पहले वेव में डिमांड कम रही है, लेकिन इस बार लोगों को घर में ही लड्डू गोपाल से संबंधित डेकोरेशन के सारे सामान लेने के लिए पहुंच रहे हैं। हाथ से बने हुए पोषाक, सजावट के सामान इस बार खास हैं। वहीं असुरन चौक स्थित सजावट के सामान बेचने वाले राहुल बताते हैं कि कोरोना में पहले की तुलना में अब ज्यादा लोग आ रहे है। बेतियाहाता की रहने वाली प्रीति चोखानी बताती हैं कि हैंड मेड पोशाक की सबसे ज्यादा डिमांड है, इसके लिए सारे श्रीकृष्ण जी के सारे सामान अवेलेबल हैं। सजावट के सामान व रेट झूला - 350 - 3650 पोषाक - 10 - 1995 मुकूट - 25 - 495माला - 10 - 1000
आसन - 10 - 350 बांसुरी - 15 - 195 चौकी - 150 - 500 बच्चों के कपड़े - 150- 225 इन जगहों से आते हैं आईट्म्स जयपुर, दिल्ली, वृंदावन, कोलकाता, राजकोट व अहमदाबाद आदि इन जगहों पर सज रही दुकानें मोहद्दीपुर, बेतियाहाता, असुरन चौक, रेती रोड, गीता प्रेस रोड, कुड़ाघाट, आजाद चौक, इंदिरा बाल विहार तिराहा