लाडलों को बाइक दें तो टै्रफिक नियम भी बताएं
- आरटीओ में सड़क सुरक्षा सप्ताह का हुआ शुभारंभ
- कार्यक्रम के पहले दिन आयोजित की गई विचार गोष्ठी GORAKHPUR: जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक हादसों पर अंकुश नहीं लग पाएगा। लोगों को अपने बच्चों को भी ट्रैफिक नियम से अवगत करवाना चाहिए। नई उम्र के स्टूडेंट्स मोबाइल पर बात करते हुए बाइक ड्राइव करते हैं। उस वक्त उन्हें अपने आसपास के ट्रैफिक का ध्यान नहीं रहता है, जिससे अक्सर हादसे होते रहते हैं। यह बातें आरटीओ एनफोर्समेंट राकेश सिंह ने कही। वे सोमवार को आरटीओ ऑफिस में सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन आयोजित विचार गोष्ठी में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अभिभावक अपने लाडलों को बाइक और मोबाइल के उपयोग के साथ ही ट्रैफिक नियमों की भी जानकारी दें तो हादसे रुक जाएंगे। हेलमेट को न समझें बोझएसपी ट्रैफिक डॉ। श्रीप्रकाश द्विवेदी ने कहा कि हेलमेट को लोग बोझ न समझे। दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट जरूर लगाएं। अगर चार पहिया वाहन चला रहे हैं तो सीट बेल्ट का जरूर इस्तेमाल करें। आरटीओ एम अंसारी ने कहा कि हादसे बढ़ने पर सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री हैं। इसलिए प्रचार-प्रसार का जिम्मा उन्होंने आरटीओ को दिया है और विभाग उसका क्रियान्वयन कर रहा है। मौके पर एआरटीओ प्रशासन सूरजराम पाल, एआरटीओ संदीप कुमार पंकज, संदीप जायसवाल आदि लोग मौजूद रहे।
आए धन को खपाने का आरोप ट्रांसपोर्ट बार एसोसिएशन आरटीओ कैंपस के अध्यक्ष उदयन यादव, महामंत्री शिवकांत पांडेय व उपाध्यक्ष इंद्रासन सिंह ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया कि सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत होने वाले कार्यक्रमों की केवल खानापूर्ति की जा रही है। गोष्ठी में विभाग के पूरे कर्मचारी तक नहीं जुटे। एसोशिएशन का आरोप है कि विभाग के अधिकारी सरकारी धन का खपाने के मकसद से दुरुपयोग कर रहे हैं।