अमन के लिए उठे हाथ, गले मिल कहा- बकरीद मुबारक
- ईद-अल-अजहा का पर्व सादगी से मनाया गया, नमाज अदा कर दी गई कुर्बानी
GORAKHPUR: फर्ज और कुर्बानी का पर्व ईद-अल-अजहा (बकरीद) बुधवार को परंपरागत ढंग से मनाया गया। छोटों से लेकर बड़ों के चेहरों पर खुशियों की चमक दिखी। उत्साह का माहौल रहा। ईदगाहों पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। सुबह से कड़ी सुरक्षा के बीच 92 मस्जिदों में बकरीद की नमाज अदा की गई। इसके बाद से कुर्बानी का सिलसिला जारी रहा। लोग एक-दूसरे से मिलकर उन्हें बधाई देते रहे। इस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया गया। नमाज के लिए थी जोरदार तैयारीबुधवार को ईद-अल-अजहा की नमाज अदा करने के लिए बड़ों के साथ बच्चों ने भी नया कपड़ा पहना, इत्र लगाया। सिर पर टोपी सजाई। हाथ में जानमाज ली और चल पड़े इबादगाह की तरफ। रंग-बिरंगी, सफेद पोशाकों से हर जगह एक नूरानी समां देखने को मिला। लोगों की जुबां पर तकबीर-ए-तशरीक की सदाएं थीं। माहौल उत्साहपूर्ण व दिलकश दिखा। जहां जगह मिली, जानमाज बिछाई। अकीदतमंदों ने ईदगाह व मस्जिदों के इमामों की तकरीर व पैगाम को ध्यान से सुना। इसके बाद मुल्कों मिल्लत में अमन, भाईचारगी, एकता व कोरोना वायरस से निजात की दुआ मांगी गई। हर सिम्त ईद-अल-अजहा मुबारक की सादा गूंजने लगी। छोटे से लेकर बड़ों ने एक-दूसरे को मुबारकबाद देनी शुरू की। इसी के साथ ईदी भी बंटनी शुरू हुई। किसी का ईदी में पैसा मिला तो किसी को तोहफा। ईदी पाने के बाद बच्चे बेहद खुश नजर आए। अपना मनपसंद सामान खरीदा। इबादतगाहों व मुस्लित बाहुल्य मोहल्ले के पास मेले जैसा माहौल नजारा रहा। अल्लाह का फैज लेकर लोग घर वापस लौटे। बहुत से लोग फातिहा पढ़ने कब्रिस्तान भी गए। साथ ही घरों में मिलने मिलाने और दावतों का सिलसिला चलता रहा। लोगों ने पकवानों के अलावा लजीज सेवइयां, दहीबाड़ा, छोले समेत कई पकवानों का लुत्फ उठाया।
शांति व सौहार्द्रपूर्वक त्योहार मनाने की अपील बकरीद पर पुलिस अधिकारी सुबह से शहर भर में दौरा करते रहे। साथ ही उन्होंने लोगों से शांति व सौहार्द्रपूर्वक त्योहार मनाने की अपील की। मुस्लिम समुदाय ने इस पर्व में कुर्बानी के लिए बकरा सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी की।