एक्सक्लूसिव

- व‌र्ल्ड के सबसे लंबे प्लेटफॉर्म वाले स्टेशन पर चार्ट चिपकाने के लिए नहीं मिलता गोंद

- स्टेशन पर तैनात टिकट क्­लर्क अपने घर से रोजाना लाते हैं पांच से छह उबला आलू

GORAKHPUR: स्टेशन पर पहुंचते ही अपनी रिजर्वेशन की स्थिति जानने या सीट नंबर देखने के लिए आप पहुंचते ही रिजर्वेशन चार्ट को देखते हैं। लेकिन, क्या आपको पता है कि यह ट्रेन पर यह चार्ट गोंद से नहीं बल्कि उबले आलू से चिपकाया जाता है? हैरान हो गए न? जी हां, सबसे लंबे प्लेटफॉर्म के चलते विश्व में शुमार गोरखपुर स्टेशन पर रिजर्वेशन चार्ट चिपकाने के लिए कर्मचारियों को गोंद नहीं मिलता। वे घर से गोंद लाकर चार्ट चिपकाते हैं। आलू से चार्ट चिपकाने के कारण ट्रेन चलते ही वह उड़ जाता है। इससे आगे के स्टेशनों पर बैठने वाले पैसेंजर अपना नाम व सीट नंबर देखने के लिए चार्ट ढूंढते रह जाते हैं।

गोंद की व्यवस्था नहीं

स्टेशन पर रेलवे की तरफ से गोंद की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। ऐसे में, कर्मचारियों के सामने मजबूरी होती है कि वे अपने जेब से गोंद की व्यवस्था करें। बताते हैं कि शुरू-शुरू में तो कर्मचारियों ने इसकी व्यवस्था की लेकिन खर्च बढ़ता गया। इससे कर्मचारियों ने ऐसी तरकीब निकाली कि जेब को भी अधिक चपत न लगे और ड्यूटी भी हो जाए। अब कर्मचारी रोज घर से आलू उबालकर लाते हैं और उसी से ट्रेन पर चार्ट चिपका देते हैं।

सीन-1

प्लेटफॉर्म नं। 1

समय 4.00 बजे शाम

टीसी रूम में दो टीसी (टिकट क्लर्क) आपस में बात कर रहे हैं। तभी उनमें से एक दूसरे से आलू के बारे में पूछता है। दूसरा टीसी उसे बताता है कि बगल में ही उबला आलू रखा है। इसके बाद वह टीसी रिजर्वेशन चार्ट और कागज में लपेटा हुआ उबला आलू लेकर प्लेटफॉर्म नंबर दो की तरफ चला जाता है। ट्रेन के कोच पर आलू रगड़कर उस पर चार्ट चिपका देता है।

सीन-2

गोरखधाम एक्सप्रेस, कोच-1

समय 4.08 बजे शाम

टीसी आलू और चार्ट लेकर गोरखधाम एक्सप्रेस के कोच नंबर एस-1 की ओर बढ़ता है। वहां जाने के बाद बंडल से एस-1 का चार्ट निकाल कर पहले बोगी पर आलू को लगाता है फिर चार्ट लगाकर आगे बढ़ जाता है। स्लीपर के एक-एक कोच पर उबला आलू से चार्ट चिपकाते हुए टीसी आगे बढ़ता जाता है।

सीन-3

गोरखधाम एक्सप्रेस- एसी कोच

टीसी आगे बढ़ते हुए एसी कोच की तरफ बढ़ता है। वह कागज में रखे आलू से जैसे ही चार्ट चिपकता है, वह गिर जाता है। चार्ट उठाने के दौरान टीसी के कागज में लपेटा आलू कैमरे के सामने आ जाता है।

बॉक्स

रोज घर से लाते एक किलो आलू

कर्मचारी बताते हैं कि एक ट्रेन की सभी बोगियों पर रिजर्वेशन चार्ट लगाने में 2 आलू खर्च हो जाते हैं। दिन भर ट्रेनों पर चार्ट लगाने के लिए करीब 12-15 आलू रोजाना खर्च होता है। ऐसे में ट्रेनों पर रिजर्वेशन चार्ट चिपकाने के लिए टीसी को रोजाना अपने घर से करीब एक किलो उबला आलू लाना पड़ता है।

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Posted By: Inextlive